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गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र के लिए यह गर्व का क्षण है जब गोला तहसील अंतर्गत ग्राम गोडसरी निवासी, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के कराटे चैंपियन मिस्टर पन्ने लाल यादव को कराटे के सर्वोच्च सम्मान में से एक ब्लैक मास्टर बेल्ट (पांचवीं डॉन गोदान डिग्री) से सम्मानित किया गया।
जीती ब्लैक मास्टर बेल्ट
Gorakhpur: जनपद गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र के लिए यह गर्व का क्षण है जब गोला तहसील अंतर्गत ग्राम गोडसरी निवासी, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के कराटे चैंपियन मिस्टर पन्ने लाल यादव को कराटे के सर्वोच्च सम्मान में से एक ब्लैक मास्टर बेल्ट (पांचवीं डॉन गोदान डिग्री) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें झारखंड के धनबाद में आयोजित इंटरनेशनल शोतोकान कराटे संस्था द्वारा आयोजित एकदिवसीय ऑल इंडिया ब्लैक बेल्ट ग्रेडिंग कराटे प्रोग्राम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर प्रदान किया गया।
इस भव्य आयोजन में देशभर से चयनित कराटे खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया, जहां कड़ी प्रतिस्पर्धा और तकनीकी मूल्यांकन के बीच मिस्टर पन्ने लाल यादव ने अपनी अद्भुत फुर्ती, अनुशासन, तकनीकी कौशल और अनुभव का परिचय देते हुए निर्णायकों को प्रभावित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं आईएसके के हेड कोच मिस्टर रंजीत केसरी ने उन्हें यह प्रतिष्ठित डिग्री प्रदान की।
मिस्टर पन्ने लाल यादव की यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं, बल्कि गोरखपुर और उत्तर प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने अपने निरंतर अभ्यास, कठोर परिश्रम और आत्मविश्वास के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। उनकी यह सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी और कराटे जैसे मार्शल आर्ट्स के प्रति युवाओं का रुझान और बढ़ाएगी।
उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। चिल्लूपार के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी, पूर्व मंत्री जयप्रकाश यादव, पूर्व एमएलसी संतोष यादव ‘शनि’, अंतरराष्ट्रीय पहलवान व यश भारती सम्मानित पन्ना लाल यादव, रामाश्रय पहलवान, जिला पंचायत सदस्य बिट्टू राय, दिलीप कुमार, प्राचार्य डॉ. फूलचंद त्रिपाठी, मेजर रवि प्रताप यादव सहित गोरखपुर जिले के अनेक गणमान्य व्यक्तियों, खेल प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
सभी ने आशा व्यक्त की कि मिस्टर पन्ने लाल यादव आगे भी इसी तरह देश और प्रदेश का नाम रोशन करते रहेंगे तथा युवाओं को खेल और अनुशासन के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। उनकी यह उपलब्धि गोरखपुर के खेल इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज की जाएगी।