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दिल्ली के तिमारपुर क्षेत्र में युवती द्वारा दर्ज कराया गया सामूहिक दुष्कर्म का मामला जांच में झूठा साबित हुआ है। कोर्ट ने एफआईआर रद्द करते हुए उल्टा युवती पर ही झूठा मुकदमा दर्ज कराने, कोर्ट को गुमराह करने और गलत बयान देने का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। यह वही युवती है जिसने कुछ समय पहले महराजगंज के रजिस्ट्रार कार्यालय में तोड़फोड़ कर हंगामा किया था।
कार्यालय में हंगामा करने वाली युवती पर केस दर्ज
महराजगंज: सामूहिक दुष्कर्म की झूठी एफआईआर का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है, जिसमें अदालत ने शिकायतकर्ता युवती को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विस्तृत जांच और तथ्यात्मक विश्लेषण के बाद एफआईआर को न सिर्फ गलत पाया बल्कि इस आधार पर युवती के खिलाफ ही केस दर्ज करने के आदेश जारी किए। यह वही युवती है, जिसने जून 2023 में महराजगंज के रजिस्ट्रार कार्यालय में तोड़फोड़ कर प्रशासन को भारी परेशानी में डाल दिया था।
क्या है पूरी खबर?
मिली जानकारी के अनुसार, यूपीएससी की तैयारी कर रहे शैलेंद्र सिंह की फेसबुक के माध्यम से एक युवती से दोस्ती हुई थी। दोनों के बीच संबंध धीरे-धीरे गहरे हुए और सहमति से उन्होंने एक-दूसरे के साथ रहना शुरू किया। तीन वर्षों तक रिश्ता सामान्य चला, लेकिन एक दिन शैलेंद्र ने युवती को किसी अन्य युवक के साथ देखा। इससे दोनों में विवाद हुआ और शैलेंद्र ने संबंध समाप्त कर दिया।
मुश्किल से जमानत
यहीं से शुरू हुआ विवादों का दौर। युवती ने पहले शैलेंद्र को मनाने की कोशिश की, लेकिन जब वह तैयार नहीं हुआ तो उसने कथित रूप से दबाव बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के महराजगंज और कुशीनगर में शैलेंद्र तथा युवती द्वारा अपना ‘जीजा’ बताए जाने वाले एक पीसीएस अधिकारी के खिलाफ दुष्कर्म सहित कई गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करा दी। दोनों मुश्किल से जमानत पर बाहर आए ही थे कि युवती ने 23 अगस्त 2023 को दिल्ली के तिमारपुर थाना क्षेत्र में दोनों पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज करा दिया।
कोर्ट को गुमराह करने के आरोप सिद्ध
दिल्ली पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा हुआ। युवती के बयान बार-बार बदलते मिले। उसने घटना को जिस तारीख और समय पर बताया, उस दिन वह खुद दिल्ली में मौजूद ही नहीं थी। पुलिस ने यह तथ्य अदालत के सामने रखा और धारा 164 के तहत दिए गए झूठे बयान, गलत जानकारी पेश करने और कोर्ट को गुमराह करने के आरोप सिद्ध होते दिखे।
मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया
तीस हजारी कोर्ट ने एफआईआर रद्द कर युवती के खिलाफ ही धारा 182, 211, 193 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि गंभीर अपराधों में झूठे आरोपों का दुरुपयोग न सिर्फ निर्दोष लोगों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि न्यायिक प्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।
अदालती आदेश के बाद 11 नवंबर को तिमारपुर थाना पुलिस ने युवती के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह मामला प्रशासन और कानून की आंख में धूल झोंकने के प्रयास का एक बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है।