वाराणसी के कारोबारी ने मंगाई थी एक लाख से ज्यादा कफ सीरप की शीशियां, जानें कैसे हुआ इतना बड़ा खुलासा

पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम अब आरोपी के नेटवर्क, सप्लाई चैन और संभावित तस्करी से जुड़े अन्य लोगों की भी जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यदि कफ सीरप के अवैध कारोबार की पुष्टि होती है, तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 20 December 2025, 5:51 AM IST
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Varanasi: कोडीनयुक्त कफ सीरप की भारी मात्रा में खरीद और उसके संभावित गैर-चिकित्सकीय उपयोग के मामले में सारनाथ पुलिस ने तिसरिया परशुरामपुर निवासी दवा कारोबारी विष्णु पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। औषधि निरीक्षक जुनाब अली की तहरीर पर यह कार्रवाई की गई है। आरोप है कि विष्णु पांडेय ने प्रयागराज और गोरखपुर से कुल एक लाख दो हजार 600 शीशी कफ सीरप मंगाई, लेकिन न तो उसके उपयोग से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत किए और न ही स्टॉक का सत्यापन कराया।

क्या है मामला?

औषधि विभाग के अनुसार, विष्णु पांडेय मेसर्स पीडी फार्मा का प्रोप्राइटर है। उसके द्वारा खरीदी गई कफ सीरप कोडीनयुक्त है, जिसका दुरुपयोग नशे के रूप में किए जाने की आशंका रहती है। प्रदेश में इन दिनों कफ सीरप की तस्करी और उसके अवैध उपयोग के कई मामले सामने आ चुके हैं, इसी कारण इस प्रकरण को गंभीरता से लिया गया।

89 हजार 600 शीशियां खरीदी थी

प्रयागराज मंडल के सहायक आयुक्त (औषधि) संजय कुमार और गोरखपुर के औषधि निरीक्षक द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर वाराणसी में जांच सौंपी गई थी। जांच में सामने आया कि विष्णु पांडेय ने 20 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच प्रयागराज की एमके हेल्थ केयर से कोडीनयुक्त इस्कफ कफ सीरप की 100 एमएल की 89 हजार 600 शीशियां खरीदी थी।

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इसके अलावा गोरखपुर के औषधि निरीक्षक की रिपोर्ट में बताया गया कि विष्णु पांडेय ने गोरखपुर की वीप्रा फार्मास्यूटिकल्स से भी 100 एमएल की 13 हजार शीशियां खरीदी थी। इस तरह कुल खरीदी गई कफ सीरप की संख्या एक लाख से अधिक हो गई।

जांच के दौरान औषधि विभाग की टीम ने जब विष्णु पांडेय से खरीद-फरोख्त और वितरण से संबंधित दस्तावेज मांगे तो वह कोई संतोषजनक कागजात प्रस्तुत नहीं कर सका। न ही उसने अपने स्टॉक का भौतिक सत्यापन कराया। इसके अलावा औषधि विभाग के पोर्टल पर दर्ज उसका मोबाइल नंबर भी बंद मिला, जिससे औषधियों के क्रय-विक्रय का सत्यापन संभव नहीं हो सका। औषधि निरीक्षक जुनाब अली ने तहरीर में स्पष्ट किया है कि इन परिस्थितियों में कोडीनयुक्त कफ सीरप के गैर-चिकित्सकीय उपयोग और अवैध वितरण की प्रबल आशंका है। इसी आधार पर सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

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सारनाथ थाना प्रभारी पंकज त्रिपाठी ने बताया कि तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ सात गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में खरीदी गई कफ सीरप कहां खपाई गई या उसका उपयोग किस उद्देश्य से किया जाना था।

Location : 
  • Varanasi

Published : 
  • 20 December 2025, 5:51 AM IST