

सुसाइड नोट में जितेंद्र ने तीन व्यापारियों और एक महिला का नाम लिया है, जिन्होंने उनके साथ एक करोड़ कैश और सोना धोखे से हड़प लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार मांगने पर भी पैसा नहीं लौटाया गया और उन्हें मानसिक रूप से टॉर्चर किया गया।
जितेंद्र उर्फ जीतू का फाइल फोटो
Ghaziabad: गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन में बुधवार रात एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब 32 वर्षीय सर्राफा व्यापारी जितेंद्र उर्फ जीतू ने अपनी कार में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। कार के भीतर से लाइसेंसी पिस्टल और एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें उन्होंने तीन व्यापारियों और एक महिला पर करीब एक करोड़ रुपये की ठगी और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
इस घटना से न केवल व्यापारी वर्ग में सनसनी है, बल्कि गाजियाबाद पुलिस की लापरवाही भी सवालों के घेरे में आ गई है। बताया गया है कि घटना से 7 दिन पहले जितेंद्र ने नंदग्राम थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई करने की बजाय साक्ष्य लाने को कहा और मामला टाल दिया।
परिवार में मातम, पीछे छूटा दो महीने का मासूम
जितेंद्र अपनी पत्नी और दो माह के बेटे के साथ ऑफिसर सिटी-2 सोसाइटी राजनगर एक्सटेंशन में रहते थे। उनकी ज्वेलरी शॉप “JSK आभूषण” दिल्ली के कृष्णा नगर में है। वो रोज़ गाजियाबाद से दिल्ली अप-डाउन करते थे और पास के जिलों में भी सोने-चांदी के काम से जाते थे।
बुधवार देर रात उनकी लाश उनकी ही कार में मिली। गोली सीने के बाई ओर मारी गई, जो आत्महत्या के आम मामलों से अलग है, क्योंकि ज़्यादातर लोग कनपटी पर गोली मारते हैं। इस कारण पुलिस हत्या की आशंका से इनकार नहीं कर रही।
आत्महत्या या हत्या?
DCP सिटी धवल जायसवाल ने बताया कि फोरेंसिक जांच के अनुसार मामला सुसाइड का ही लगता है। लेकिन यह जांचा जा रहा है कि गोली खुद चलाई गई या किसी और ने चलाई। कार में सुसाइड नोट मिला है, जिसकी हैंडराइटिंग की जांच करवाई जा रही है।
पुलिस यह भी पता लगा रही है कि बुधवार को जितेंद्र किससे मिले, कहां-कहां गए और क्या वह अपनी दिल्ली की दुकान पर गए थे। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल्स की जांच से पूरा घटनाक्रम साफ हो सकेगा।
सुसाइड नोट में क्या लिखा?
सुसाइड नोट में जितेंद्र ने तीन व्यापारियों और एक महिला का नाम लिया है, जिन्होंने उनके साथ एक करोड़ कैश और सोना धोखे से हड़प लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार मांगने पर भी पैसा नहीं लौटाया गया और उन्हें मानसिक रूप से टॉर्चर किया गया।
थाने से मिला धोखा?
परिवार के अनुसार, जीतू ने लगभग एक हफ्ते पहले नंदग्राम थाने जाकर कार्रवाई की गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस ने संजीदगी से न लेकर टालमटोल किया। जितेंद्र के भाई अमित ने बताया कि “अगर पुलिस समय रहते कदम उठाती तो आज मेरा भाई ज़िंदा होता।”
FIR दर्ज की जाएगी
अब व्यापारी के परिजनों की तहरीर पर पुलिस चारों नामजद आरोपियों पर FIR दर्ज कर रही है। इनमें से एक व्यापारी से पूछताछ की जा चुकी है। शेष आरोपियों की तलाश जारी है।