

हमीरपुर के सरीला में प्रेम विवाह के बाद एक महिला अपनी मां की ममता और बच्चों की पुकार के आगे झुक गई। शादी के 24 घंटे के भीतर वह अपने पहले पति और बच्चों के साथ लौट गई।
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Hamirpur: शादियों को सात जन्मों का पवित्र बंधन कहा जाता है, लेकिन हमीरपुर के सरीला कस्बे में हुई एक प्रेम कहानी महज 24 घंटे में ही बिखर गई। यह एक ऐसी हकीकत है, जो न सिर्फ भावनाओं को झकझोर देती है बल्कि रिश्तों की गहराई और जिम्मेदारियों का भी आईना दिखाती है।
हमीरपुर के सरीला कस्बे में स्थित राम-जानकी मंदिर में दो दिन पहले एक प्रेम विवाह हुआ। 27 वर्षीय सिलवासा (गुजरात) में काम करता है। एक महिला को साथ लेकर आया और धूमधाम से विवाह रचाया। कस्बे के सैकड़ों लोग इस शादी में शामिल हुए और नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। मंदिर में मंत्रोच्चार और गाजे-बाजे के साथ हुई शादी इलाके में चर्चा का विषय बन गई।
लेकिन यह प्रेम कहानी एक दिन भी टिक नहीं सकी। शादी के बाद जब दुल्हन प्रेमी हरि के घर पहुंची, तो वहां उसका स्वागत हुआ लेकिन चौबीस घंटे बाद एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने सबकुछ बदल दिया। महिला का पहला पति शिवशंकर चार छोटे-छोटे बच्चों को लेकर वहां आ गया। शिवशंकर मिर्जापुर जिले के छानबे ब्लॉक के पड़री गांव का निवासी है।
जैसे ही बच्चों ने मां को देखा, वे उससे लिपट कर रोने लगे। उनकी मासूम आंखों में पीड़ा और सच्चे प्यार की पुकार थी। मां का दिल पसीज गया। उसकी आंखें भर आईं और उसी क्षण उसने फैसला ले लिया कि वह अपने बच्चों और पहले पति के साथ वापस जाएगी।
यह घटना पूरे कस्बे में चर्चा का विषय बन गया। जहां एक दिन पहले प्रेम विवाह की तस्वीरें और बधाइयों का दौर चल रहा था, वहीं अगले दिन कस्बे में त्याग, कर्तव्य और मातृत्व की भावनाएं तैरने लगीं। लोगों के मन में एक ही सवाल था, एक दिन में ही यह रिश्ता कैसे टूट गया?
मामला जब बढ़ा तो पुलिस चौकी तक पहुंचा। सरीला चौकी प्रभारी दिनेश पटेल ने दोनों पक्षों को बुलाया। महिला ने पुलिस के सामने स्पष्ट किया कि वह अपने पहले पति और बच्चों के साथ रहना चाहती है। दोनों पक्षों में आपसी सहमति से समझौता हुआ और महिला अपने परिवार के साथ लौट गई।