इस देश की सेना ने लगाया Android फोन पर बैन, अब हर अधिकारी केवल iPhone इस्तेमाल करेंगे; जानिए क्यों?

इजराइल की सेना ने अपने अधिकारियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए Apple के क्लोज्ड और कंट्रोल्ड सिस्टम को चुना। सुरक्षा कारणों से IDF ने लेफ्टिनेंट कर्नल और उससे ऊपर के अधिकारियों को सिर्फ iPhone इस्तेमाल करने की अनुमति दी।

Updated : 2 December 2025, 11:53 AM IST
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New Delhi: इजराइल की सेना ने हाल ही में सुरक्षा कारणों से एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। अब लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक और उससे ऊपर के सभी अधिकारियों को सरकारी कामकाज और आधिकारिक बातचीत के लिए केवल iPhone इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी। सेना का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि Android डिवाइसों में हैकिंग, स्पाईवेयर और हनी ट्रैप जैसे साइबर हमलों का खतरा कई गुना ज्यादा रहता है।

सुरक्षा कारणों से उठाया गया कदम

पिछले कुछ महीनों में इजराइल की सेना के अधिकारी फर्जी प्रोफाइल और सोशल इंजीनियरिंग के जरिए टारगेट किए जाने के मामले लगातार बढ़े। इन घटनाओं के कारण संवेदनशील जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ गया था। इसी जोखिम को कम करने के लिए IDF (Israel Defense Forces) ने अपने अधिकारियों को सुरक्षित प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट करने का फैसला किया।

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आर्मी रेडियो और Jerusalem Post की रिपोर्ट के अनुसार, अब सभी आधिकारिक बातचीत, दस्तावेज और गोपनीय जानकारी के आदान-प्रदान के लिए केवल iPhone का इस्तेमाल किया जाएगा। सेना का कहना है कि Android एक ओपन-सोर्स सिस्टम है और इसे कई कंपनियां बनाती हैं। इसमें थर्ड-पार्टी ऐप्स आसानी से इंस्टॉल किए जा सकते हैं, जिससे साइबर घुसपैठ का खतरा बढ़ जाता है।

इसके विपरीत, iPhone का इकोसिस्टम काफी कंट्रोल्ड और क्लोज्ड है। इसमें सुरक्षा लेयर मजबूत होती है और बाहरी दखल की संभावना बहुत कम रहती है। यही कारण है कि IDF के अधिकारियों ने Apple का प्लेटफॉर्म अधिक भरोसेमंद माना।

Android बनाम iPhone: सुरक्षा की बहस

कुछ समय पहले Google ने दावा किया था कि Pixel फोन सुरक्षा के मामले में iPhone से आगे है। इसके अलावा Pixel फोन को अमेरिकी रक्षा विभाग की DoDIN मंज़ूरी भी मिली हुई है। इसके बावजूद IDF ने अपनी जांच और परीक्षण के बाद Pixel को पर्याप्त सुरक्षित नहीं माना। इसके परिणामस्वरूप iPhone को ही अधिकारियों के लिए प्राथमिक विकल्प चुना गया। यह स्पष्ट करता है कि ऊंचे स्तर की सैन्य सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए Apple का क्लोज्ड सिस्टम अधिक भरोसेमंद साबित हुआ।

Israel Army Android Ban

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)

पूर्व तैयारी और प्रशिक्षण

इस फैसले से पहले इज़राइल की सेना ने अपने अधिकारियों को कई बार साइबर हमलों, सोशल इंजीनियरिंग और हनी ट्रैप तकनीकों से बचने की ट्रेनिंग दी थी। अधिकारियों को हिज़्बुल्लाह और अन्य विरोधी संगठनों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों का अभ्यास कराकर सतर्क रहने की सलाह दी गई थी। सेना ने यह सुनिश्चित किया कि अधिकारी संभावित खतरे को पहचानने और उनसे निपटने में सक्षम हों।

नए प्रोटोकॉल के तहत नियम

अब नए प्रोटोकॉल के अनुसार अधिकारी निजी उपयोग के लिए Android फोन रख सकते हैं। लेकिन किसी भी आधिकारिक बातचीत, गोपनीय मीटिंग या लोकेशन-संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान के लिए केवल iPhone का ही इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, सेना द्वारा जारी किए जाने वाले सभी फॉर्मल फोन भी अब केवल iPhone होंगे।

इस कदम से इज़राइल की सेना ने अपने साइबर सुरक्षा नेटवर्क को और मजबूत किया है। अधिकारियों के लिए iPhone का इस्तेमाल न केवल गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद करेगा, बल्कि संभावित साइबर हमलों और हनी ट्रैप जैसी तकनीकों के खतरे को भी काफी हद तक कम करेगा।

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विशेष बातें

केवल लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक और उससे ऊपर के अधिकारी अब iPhone इस्तेमाल करेंगे।

Android का निजी उपयोग अनुमति के तहत जारी रहेगा, लेकिन आधिकारिक कार्यों के लिए नहीं।

यह निर्णय सैन्य सुरक्षा और संवेदनशील डेटा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

iPhone का क्लोज्ड और नियंत्रित सिस्टम अधिकारियों के लिए भरोसेमंद विकल्प साबित हुआ।

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  • New Delhi

Published : 
  • 2 December 2025, 11:53 AM IST