

सेहत ही सबसे बड़ी पूंजी है। हर साल 7 अप्रैल को ‘वर्ल्ड हेल्थ डे’ यानी विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं क्या है इस दिन का महत्व और सेहत से जुड़ी खास बातें। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: आजकल के बदलते परिवेश में लोगों के रहने के तौर तरीकों से लेकर खान-पान तक में बदलाव आ चुका है। जिसकी वजह से लोग अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना कर रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ डे महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक ग्लोबल अलार्म बेल है। जो हमें हमारी दिनचर्या, खानपान, मानसिक स्थिति और लाइफस्टाइल की ओर ध्यान दिलाता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवददाता के अनुसार, यह दिन सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों और आम जनता को स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान करता है। WHO और अन्य स्वास्थ्य संगठनों द्वारा इस दिन अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना और स्वास्थ्य सुधार के लिए कार्रवाई को प्रेरित करना है।
क्या है ‘वर्ल्ड हेल्थ डे’का इतिहास
1948 में, WHO ने अपनी पहली विश्व स्वास्थ्य सभा आयोजित की, जिसमें 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। यह पहली बार 1950 में मनाया गया था। इस दिन का उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़े किसी एक प्रमुख मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना और इसे जागरूकता का केंद्र बनाना है। पिछले वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य, मातृ एवं शिशु देखभाल, जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर ध्यान दिया गया है।
क्या है इस बार की थीम
2025 में विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम “Healthy Beginnings, Hopeful Futures” (स्वस्थ शुरुआत, आशावान भविष्य) है। यह विषय मुख्य रूप से मां और नवजात बच्चों की सेहत और सुरक्षा पर ध्यान देता है। इसका मकसद यह बताना है कि गर्भावस्था, बच्चे के जन्म और उसके बाद की देखभाल के दौरान अच्छी सेवाओं की कितनी जरूरत है, ताकि मां और नवजात शिशुओं की मौत के आंकड़ों को कम किया जा सके।