

उत्तराखंड से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, यहां कुमाऊं मंडल से एचआईवी संक्रमण को लेकर एक चिंताजनक स्थिति सामने आई है। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
हल्द्वानी: उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल से एचआईवी संक्रमण को लेकर एक चिंताजनक स्थिति सामने आई है। हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल के एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर में जनवरी 2024 से मार्च 2025 के बीच 477 नए एचआईवी संक्रमित मरीजों का पंजीकरण हुआ है। इनमें 370 पुरुष, 98 महिलाएं, 8 बच्चे और एक ट्रांसजेंडर मरीज शामिल हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, चौंकाने वाली बात यह है कि इन 477 मामलों में से 38 संक्रमित बंदी हल्द्वानी जेल से हैं, जिनमें एक महिला कैदी भी शामिल है। इससे जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता की कमी को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
साल 2010 से अब तक 4824 मरीज रजिस्टर्ड
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2010 से मार्च 2025 तक कुल 4824 एचआईवी संक्रमित मरीज सुशीला तिवारी अस्पताल में पंजीकृत हुए हैं। इनमें से अब तक 880 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 450 मरीजों को इलाज के दौरान अन्य केंद्रों पर ट्रांसफर किया गया। 816 मरीजों ने इलाज बीच में छोड़ दिया। फिलहाल 2536 मरीजों का नियमित इलाज चल रहा है।
ड्रग्स और असुरक्षित यौन संबंध बने प्रमुख कारण
एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. वैभव कुमार का कहना है कि मरीजों की बढ़ती संख्या के पीछे एक ओर जहां जांच और इलाज को लेकर बढ़ती जागरूकता है, वहीं दूसरी ओर नशे की लत और असुरक्षित यौन संबंध भी संक्रमण फैलने के प्रमुख कारण हैं। विशेष रूप से युवा वर्ग में नशे की लत, विशेषकर एक ही सिरिंज का बार-बार उपयोग, संक्रमण को बढ़ावा दे रही है।
हर महीने औसतन 31 नए मरीज
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में हर महीने औसतन 31 नए एचआईवी पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। यह आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार के लिए एक बड़े अलर्ट के रूप में देखा जा रहा है।