बुलंदशहर में मौत के बाद शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के एटा स्थित घर पर पसरा मातम

बुलंदशहर में गोकशी के बीच भड़की हिंसा में पत्थरबाजी और फायरिंग के बीच शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के जनपद एटा स्थित पैतृक निवास में मातम पसर गया है। यहां कई गांवों के लोग उनके परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंच रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट में पढ़ें पूरा मामला..

Updated : 3 December 2018, 8:21 PM IST
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एटाः उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी को लेकर मचे बवा ने हिंसा का रूप ले लिया। यहां स्याना थाने में तैनात इंस्पेक्टर की भीड़ ने पत्थराबाजी के दौरान फायरिंग से जान ले ली। गुस्साई भीड़ इसके बावजूद भी नहीं रुकी और चिंगरावठी पुलिस चौकी में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की और यहां खड़े वाहनों में आग लगा दी। गुस्साई भीड़ का यह रौद्र रूप से देख मौके पर मौजूद पुलिस वाले अपने सीनियर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को वहां छोड़कर भाग गए और इंस्पेक्टर ने थोड़ी देर बाद वहीं दम तोड़ दिया।     

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इंस्पेक्टर के शहीद होने की खबर का जब उनके एटा स्थित पैतृक गांव तारगंवा में परिवार को पता चला तो एक पल के लिए ही मानों उनके परिवार के सदस्यों की सांसें थम गई और उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उनके परिवार का भरण-पोषण करने वाला जांबाज इंस्पेक्टर अब इस दुनिया से अलविदा कह गया है।        

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शहीद इंस्पेक्टर के घर पहुंची डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता ने जब उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की तो उनके परिवार के लोगों की आंखें भर आई। गांव ही नहीं बल्कि आस-पास के गांवों के लोगों को जब यह दुखद खबर का पता चला तो मानों उन पर पहाड़ सा टूट गया था। देखते ही देखते उनके पैतृक निवास में लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई और हर कोई इस जांबाज इंस्पेक्टर के बहादुरी के किस्से अपने-अपने तरीके से बयां करता हुआ दिखा।      

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दुख की इस घड़ी में डाइनामाइट न्यूज़ से अपना दर्द बयां करते हुए शहीद इंस्पेक्टर के छोटे भाई राहुल ने कहा कि अब हमारे परिवार में एक बहुत बड़ा संकट आन पड़ा है। सरकार से हम उम्मीद करते हैं कि उनके भाई के हत्यारों को योगी सरकार कड़ी से कड़ी सजा दे और पुलिस पर जिस तरह से हमले हो रहे हैं इस पर कड़ा संज्ञान लिया जाए। राहुल ने कहा कि अब हमारे परिवार की जिम्मेवारी का भार योगी सरकार उठाए, प्रदेश को ऐसा इंस्पेक्टर लाखों में एक मिला था जो आज शहीद हो गया। बड़े के बच्चों और भाभी की आर्थिक मदद के लिए सरकार को आगे आना चाहिये। इंस्पेक्टर के गांव में आलम ये था कि यहां शोक संवेदना के लिए ग्रामीणों का मजमा लगा हुआ है। हर किसी की आंखें गमगीन है और यहां शोक की लहर फैली हुई है।  

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शहीद इंस्पेक्टर के दूसरे छोटे भाई सौरभ ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कहा कि उनके भाई के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और जिस तरह से भीड़ ने पथराव के दौरान एक इंस्पेक्टर को भी नहीं बख्शा ऐसे उपद्रवियों पर सरकार को सख्त एक्शन लेना चाहिए।  

वहीं बुलंदशहर में घटी इस हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर  सुबोध कुमार सिंह के ड्राइवर रामाश्रय जो वहां पर मौके पर मौजूद थे उन्होंने हिंसा की आंखों देखी को डाइनामाइट न्यूज़ से बयां करते हुए घटनाक्रम की पूरी सच्चाई से पर्दा उठाया है। इंस्पेक्टर के ड्राइवर ने बताया कि किस तरह उग्र भीड़ ने उनके साहब की जान ले ली।

 

 

Published : 
  • 3 December 2018, 8:21 PM IST

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