

ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने वालों के लिए बड़ी खबर है। शनिवार को UPI सिस्टम फेल हो गया। कारण जानने के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
नई दिल्ली: देशभर में डिजिटल पेमेंट्स का सबसे लोकप्रिय जरिया बन चुका यूपीआई (Unified Payments Interface) शनिवार सुबह एक बार फिर ठप हो गया, जिससे लाखों यूजर्स को लेन-देन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अचानक आई इस तकनीकी खराबी ने खासतौर से PhonePe, Google Pay और Paytm जैसे प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए ट्रांजेक्शन करने वाले आम नागरिकों और व्यापारियों की परेशानी बढ़ा दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, दोपहर तक 1,168 से अधिक शिकायतें यूपीआई सेवाओं को लेकर दर्ज की गईं। इनमें से अकेले Google Pay पर 96 शिकायतें और Paytm पर 23 शिकायतें आईं। शिकायतों में ट्रांजेक्शन फेल होना, पेमेंट अटक जाना और सर्वर से कनेक्शन न मिलना जैसे तकनीकी मुद्दे सामने आए।
कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) या किसी प्रमुख यूपीआई सेवा प्रदाता की ओर से इस गड़बड़ी को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, बीते कुछ हफ्तों में यूपीआई सेवा में बार-बार आ रही रुकावटों ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या भारत की सबसे भरोसेमंद डिजिटल पेमेंट प्रणाली तकनीकी रूप से दबाव में है।
लगातार सामने आ रही तकनीकी खामियां
यह पहला मौका नहीं है जब यूपीआई सेवा बाधित हुई हो। 26 मार्च 2025 को भी यूपीआई प्लेटफॉर्म पर एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई थी। जब देशभर के करोड़ों यूजर्स करीब 2 से 3 घंटे तक कोई भी डिजिटल ट्रांजेक्शन नहीं कर सके थे। उस समय NPCI ने तकनीकी कारणों को जिम्मेदार ठहराया था और बाद में सेवा बहाल की गई थी।
छोटे व्यापारियों पर बड़ा असर
टेक्निकल गड़बड़ी से न सिर्फ आम उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं। बल्कि छोटे दुकानदार, स्ट्रीट वेंडर और मॉल्स में मौजूद व्यापारी भी परेशान नजर आए। कई जगहों पर ग्राहकों और दुकानदारों के बीच बहस की नौबत आ गई क्योंकि ट्रांजेक्शन न पूरा होने से खरीदी गई वस्तुओं का भुगतान नहीं हो सका।
डिजिटल इंडिया की गति पर सवाल
सरकार द्वारा बढ़ावा दिए गए "डिजिटल इंडिया" मिशन के तहत यूपीआई को देश में नकदी रहित लेन-देन की रीढ़ माना जाता है। लेकिन बीते दिनों में लगातार सामने आ रही तकनीकी रुकावटें इस भरोसे को प्रभावित कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते ट्रैफिक और लेन-देन की संख्या के चलते यूपीआई सर्वर पर अधिक दबाव है, जिसकी वजह से बार-बार सिस्टम डाउन की स्थिति बन रही है।