UP रोडवेज की बसों में सफर जानलेवा..चार महीने में अब तक गई 200 यात्रियों की जान

डीएन संवाददाता

UP रोडवेज की बसों में यात्रियों के लिये सफर आनंददायक होने की बजाय जानलेवा साबिह हो रहा है। रोडवेज विभाग हादसों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है। जबकि आंकड़े बताते हैं कि पिछले 4 महीनों में अब तक 200 यात्री इन बसों में सफर के दौरान जान गंवा चुके हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें यात्री कैसे हो रहे हादसों का शिकार



लखनऊः यूपी रोडवेज की बसों में यात्रियें का सफर आनंदायक होने की बजाय असुरक्षित और खतरनाक हो चला है। ऐसा इसलिये क्योंकि हर महीने यूपी रोडवेज की बसें हादसों का शिकार हो रही है। रोडवेज बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने से 50 से ज्यादा यात्री अब तक जान गंवा चुके है। वहीं पिछले चार महीने से अब तक 200 से ज्यादा यात्री हादसे का शिकार हो चुके हैं। 

रोडवेज की सामान्य बसों से लेकर वोल्वो जनरथ जैसी बसें दुर्घटना का शिकार हो रही है। रोडवेज का आलम यह है कि परिवहन विभाग के अधिकारी यात्रियों की इन मौतों के आंकड़े पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।           

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डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत करते हुए यूपी रोडवेज के चीफ जनरल मैनेजर जयदीप वर्मा ने बताया की रोडवेज की बसों से हादसे कम करने के लिए लगातार विभाग की ओर से कोशिश जारी है। इसको लेकर आगामी 31 दिसंबर 2018 तक बसों की गति नियंत्रित की जायेगी, जिससे कि रोडवेज का सफर यात्रियों के लिये आसान हो सके और रोडवेज से होने वाले हादसों पर भी लगाम लग सके। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर के बाद रोडवेज की बसें 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ज्यादा नहीं चल पाएंगी।    

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वहीं बसों के ड्राइवरों के आंखों का चेकअप समेत सभी तरह की शारीरिक कमियों का डॉक्टर चेकअप कर रहे हैं। इससे यह पता लगाने में आसानी हो रही है कि जो भी ड्राइवर मेडिकल अनफिट है, उन्हें परिवहन विभाग के दूसरे कामों में समायोजित किया जा रहा है। जबकि अभी तक बसों की बेहतर मेंटेनेंस और फिटिंग ना होने के कारण परिवहन विभाग की बसों से हादसे हो रहे हैं।   

   

UP रोडवेज के चीफ जनरल मैनेजर जयदीप वर्मा

 

 

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गौरतलब है की सरकार की ओर से 13 फरवरी 2016 से यात्री राहत योजना शुरू की गई थी। जिसके तहत किसी भी यात्री को हादसे में मौत होने पर मुआवजा राशि तय की गई थी जिसमें व्यस्क यात्री के लिये 50 हजार रुपये, नाबालिग यात्रियों के हादसे में मौत पर ढाई लाख रुपए मुआवजा और 5 साल से कम उम्र के यात्रियों के हादसे में जान गंवाने पर सवा लाख रुपए मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। 

वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार 4 माह में हुई दुर्घटनाओं में 350 यात्री घायल हुए हैं। बात अगर रोडवेज बसों की करें तो पिछले वर्ष 2017 में रोडवेज के बेड़े में 10780 बसें थी। जिसमें 56 करोड़ से ज्यादा लोगों ने सफर किया। 
 










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