टीएमसी प्रवक्ता को सुप्रीम कोर्ट से राहत, ‘क्राउडफंडिंग’ मामले में मिली जमानत, जानें पूरा माजरा

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने ‘क्राउडफंडिंग’(ऑनलाइन माध्यम के जरिये लोगों से धन जुटाना) के जरिए एकत्रित धन के कथित दुरुपयोग से जुड़े एक मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले को जमानत दे दी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले(फाइल फोटो)
टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले(फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने ‘क्राउडफंडिंग’(ऑनलाइन माध्यम के जरिये लोगों से धन जुटाना) के जरिए एकत्रित धन के कथित दुरुपयोग से जुड़े एक मामले में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले को जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने गोखले को राहत देते हुए कहा कि मामले में आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है।

पीठ ने कहा, ‘‘अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने याचिका का जोरदार विरोध किया। हालांकि, आरोप की प्रकृति पर गौर करते हुए और चूंकि आरोपपत्र पहले ही दाखिल किए जा चुके हैं, हम जमानत प्रदान कर रहे हैं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को अहमदाबाद शहर, साइबर अपराध थाना में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में निचली अदालत द्वारा तय जमानत राशि और मुचलका भरने के आधार पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है।’’

गोखले ने गुजरात उच्च न्यायालय के 23 जनवरी के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।

अहमदाबाद साइबर अपराध शाखा ने ‘क्राउडफंडिंग’ के माध्यम से एकत्र किए गए धन का दुरुपयोग करने के आरोप में टीएमसी नेता को पिछले साल 30 दिसंबर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।

प्राथमिकी अहमदाबाद के एक निवासी की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसने दावा किया था कि उसने गोखले को 500 रुपये का ऑनलाइन चंदा दिया था।

गोखले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 467 (जालसाजी) के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं।










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