देश-धर्म की रक्षा की प्रेरणा देता है सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान: योगी आदित्यनाथ

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को देश के लिए सिख धर्म गुरुओं के योगदान को नमन करते हुए कहा कि सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान देश-धर्म की रक्षा की प्रेरणा देता है। पढ़िए डाईनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान: योगी आदित्यनाथ
सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान: योगी आदित्यनाथ


लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को देश के लिए सिख धर्म गुरुओं के योगदान को नमन करते हुए कहा कि सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान देश-धर्म की रक्षा की प्रेरणा देता है।

मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को यहां आलमबाग में खालसा चौक का लोकार्पण किया।

यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार टेढ़ी पुलिया के नाम से जाना जाने वाला यह चौराहा अब खालसा चौक के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘खालसा पंथ ने देश व धर्म की रक्षा के लिए लगातार अग्रणी भूमिका निभाई है। खालसा चौक की स्थापना आज अपने इतिहास की स्मृतियों को ताजा करने व उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है।’’

इस दौरान उन्होंने लोगों को बधाई देते हुए इशारों में सपा (समाजवादी पार्टी) सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित होने वाली इफ्तार पार्टी पर कटाक्ष किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उनसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय में अन्य तरह के आयोजन होते थे। वहीं प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व का भव्य आयोजन हुआ।

सिख धर्म के दसवें गुरु एवं खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह जी के ज्योति ज्योत दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज ने विदेशी आक्रांताओं से भारत के धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। इस पंथ ने मातृभूमि की रक्षा में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं का त्याग और बलिदान हम सबको देश और धर्म की रक्षा की प्रेरणा प्रदान करता है।

योगी ने कहा कि सिख गुरुओं का इतिहास हमें भारत की गौरवशाली विजय गाथा का स्मरण कराता है। उन्होंने सिख समाज के त्याग, बलिदान परंपरा, धर्म के प्रति समर्पण और समाज के प्रति सेवा भाव को नमन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में हम लोगों को अनेक कार्यक्रमों में सहभागी बनने का अवसर प्राप्त होगा। 24 नवंबर को ही गुरु तेग बहादुर जी का पावन शहीदी दिवस, 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व और 26 दिसंबर बीरबाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कहा कि हम सबको अपने इतिहास पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, परमिंदर सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान राजेन्द्र सिंह बग्गा, प्रधान गुरुद्वारा शंकर नगर आलमबाग के प्रधान सरदार मनमोहन सिंह सेठी समेत सिख समाज के लोग भारी संख्या में उपस्थित थे।










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