इसरो के पहले एसएसएलवी मिशन में टर्मिनल चरण में आयी ये नई अड़चन, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

इसरो अध्यक्ष डॉ.एस.सोमनाथ ने कहा है कि छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएसएलवी) के आज सुबह 09.18 बजे उड़ान भरने के कुछ देर बाद एम तकनीकी अड़चन में इसका कुछ डाटा खो गया पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

इसरो अध्यक्ष डॉ.एस.सोमनाथ
इसरो अध्यक्ष डॉ.एस.सोमनाथ


श्रीहरिकोटा: इसरो अध्यक्ष डॉ.एस.सोमनाथ ने कहा है कि छोटे उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (एसएसएलवी) के आज सुबह 09.18 बजे उड़ान भरने के कुछ देर बाद एम तकनीकी अड़चन में इसका कुछ डाटा खो गया।

डॉ सोमनाथ ने एसएसएलवी के उड़ान भरने के बाद मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि एसएसएलवी के तीनों चरणों का पृथक्करण सामान्य रहा और उम्मीद के अनुरूप इसका प्रदर्शन रहा ख् लेकिन बाद में इसका डेटा खो गया।

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उन्होंने कहा कि उसउसएलवी की स्थिति जानने के लिए आंकड़े जुटाए जा रहे हैं।इससे पहले तड़के 02.18 बजे शुरू हुई उल्टी गिनती के सात घंटे बाद सुबह 09.18 बजे एसएलवी ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार रेंज से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस)-02 और एक सह-यात्री उपग्रह ‘आजादीसैट ’ के साथ उड़ान भरी।

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इस मौके पर इसरो अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ, पूर्व इसरो अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन और के सिवन तथा मिशन नियंत्रण केंद्र के वैज्ञानिक मौजूद रहे।राकेट के उड़ान भरने के साथ ही आसमान में नारंगी धुएं का गुबार उड़ता नजर आया और ऐसा लगा, जैसे इसने पृथ्वी को हिला दिया।

एसएसएलवी 34 मीटर लंबा है, जो पीएसएलवी से लगभग 10 मीटर कम है। पीएसएलवी के 2.8 मीटर की तुलना में इसका व्यास दो मीटर है। एसएसएलवी का उत्थापन द्रव्यमान 120 टन है, जबकि पीएसएलवी का 320 टन है, जो 1,800 किलोग्राम तक के उपकरण ले जा सकता है।।(वार्ता) 










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