सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव भाजपा सरकार पर भड़के, जानिए क्या साधा निशाना

डीएन ब्यूरो

सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने अपने गठबंधन के सहयोगी राष्‍ट्रीय लोकदल (रालोद) के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाने की अटकलों के बीच बृहस्‍पतिवार को कहा कि भाजपा दलों को केवल तोड़ना जानती है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव
सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव


वाराणसी: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने अपने गठबंधन के सहयोगी राष्‍ट्रीय लोकदल (रालोद) के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जाने की अटकलों के बीच बृहस्‍पतिवार को कहा कि भाजपा दलों को केवल तोड़ना जानती है और उसे यह भी पता है कि कब किसको 'खरीदना' है।

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यादव ने वाराणसी में संवाददाताओं से बातचीत में रालोद के भाजपा के साथ जाने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ''भारतीय जनता पार्टी दलों को तोड़ना जानती है। किसको कब लेना है, वह जानती है। वह यह भी जानती है कि कैसे बेईमानी करनी है। चंडीगढ़ में आपने देखा कि किस तरह से बेईमानी हुई । भारतीय जनता पार्टी यह भी जानती है कि कब किसको खरीदना है। वह यूं ही थोड़ी सबसे बड़ा दल बन गया है।''

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार उन्‍होंने कहा, ''भाजपा जानती है कि कब किसको कैसे क्‍या करना है। किसके पास ईडी भेजना है, किसके पास सीबीआई भेजनी है, कब कहां आयकर का छापा डलवाना है और किस पत्रकार का कब मुंह बंद करना है।''

इस बीच, उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में राष्ट्रीय लोकदल और भाजपा की कथित रूप से बढ़ती नजदीकियों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ''राजनीति में हमेशा संभावनाएं रहती हैं और भारतीय जनता पार्टी हमेशा भारत माता के प्रति समर्पित भाव से काम करने वाली पार्टी है। वह उत्तर प्रदेश के चतुर्दिक विकास में सहायक लोगों के साथ है। हम सभी का हृदय से स्वागत करते हैं।''

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कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने रालोद के भाजपा के साथ जाने की अटकलें के बारे में कहा, ''देखिये, यह चर्चा तो मीडिया में चल रही है। इसके अलावा जहां तक गठबंधन की बात है, वहां पर सब कुछ ठीक है। कोई चिंता का विषय नहीं है।''

सपा और रालोद ने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव और वर्ष 2022 का उत्‍तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। रालोद और सपा ने विपक्ष के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्‍लूसिव अलायंस (इंडिया) में शामिल होने का ऐलान किया था और सपा ने गठबंधन के तहत रालोद को आगामी लोकसभा चुनाव के लिये सात सीटें दी थीं। हालांकि रालोद ज्‍यादा सीटों की मांग कर रहा था।










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