सोनभद्र: अवैध खनन से खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा, जांच टीम पर लगाया ये आरोप

सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी में खनन क्षेत्र में खनन को लेकर अनियमितताएं बढ़ती जा रही है जिसको लेकर स्थानीय रहवासियों सहित नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 26 December 2024, 3:48 PM IST
google-preferred

सोनभद्र: जनपद के.बिल्ली मारकुंडी में खनन क्षेत्र में खनन को लेकर अनियमितताएं बढ़ती जा रही है जिसको लेकर स्थानीय रहवासियों सहित नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को खनन टीम आने के बावजूद कोई भी हिदायद खननकर्ताओं को न देने की वजह से स्थानीय लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार लोगों का कहना है कि कई बार अनियमितताएं और अवैध खनन को लेकर शिकायत की जा चुकी है। लेकिन फिर भी जिले की खनन विभाग टीम और लखनऊ से आने वाली टीम सिर्फ व्यवसाईयों के साथ बंद कमरे में बैठक कर चली जाती है और अवैध खनन बदस्तूर जारी रहता है। सिर्फ जिस दिन खनन टीम पहुंचती है उस दिन नामात्र के लिए खनन बंद कर दिया जाता है। सीएम योगी को बदनाम करने के लिए अधिकारियों और व्यवसायियों ने सिंडिकेट बनाया हुआ है। इनकी विचारधारा ही वामपंथी है। जो नहीं चाहते कोई भी कार्य नियम से जिससे सीएम योगी की बढ़ाई हो। इसलिए अवैध खनन बदस्तूर जारी है मिलीभगत से....

स्थानीय लोग

शास्वत मंच के संयोजक श्याम जी मिश्रा ने आई हुई खनन टीम से उनसे वार्ता न करने पर नाराजगी जाहिर की है और कहा कि खनन क्षेत्र में बहुत से अनियमिताएं देखने को मिल रही है। कई बार मेरे द्वारा शिकायत की जा चुकी है यहां तक की लखनऊ जाकर शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। बस शिकायत पर खनन टीम आती है और व्यवसायियों से बंद कमरे में मीटिंग करती है और उस दिन बस खनन बंद होता है। लेकिन खनन टीम के जाते ही खनन बदस्तूर नियम के विपरीत अवैध रूप से जारी हो जाता है, जो गलत है। जब खनन टीम आए तो उनसे बात करने के लिए हम वहां पहुंचे लेकिन उन्होंने बात करने से साफ इनकार कर दिया यहां तक की मीडिया वालों का कैमरा तक बंद करा दिया और जांच करने के बाद बयान तक खनन विभाग से जारी नहीं किया गया।

जांच टीम

श्याम मिश्रा ने कहा कि सूरज ढलने के बाद खनन की मनाही होती है लेकिन यहां अधिकतर खनन रात के अंधेरे में धड़ले से खेला जाता हैं। बहुत सी ऐसी खदानें हैं जहां खनन होता नहीं फिर भी परमिट बिक  जाती है। जो निर्धारित ₹160 की परमिट है 1400 सौ से 1500 सौ तक की ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। जिससे राज्य सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की क्षति हो रही है और व्यवसाईयों की जेब भर रही है। श्याम जी मिश्रा ने कहा खनन क्षेत्र से सटे एरिया में हैवी ब्लास्टिंग करके मकान को क्षतिग्रस्त करने के काम अवैध खननकर्ता करते है। जिससे स्थानीय लोगों में और भी गुस्सा देखने को मिलती है। क्षेत्र में खनन की गहराई को लेकर भी नियमावली जारी की गई है लेकिन उसके बाद भी जिला स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर कई सौ फीट की गहराई कर खनन किया जा रहा है।

खनन क्षेत्र में बंद खदानों को लेकर नियम है कि खनन बंद होने के दौरान हुए गड्ढे को भरा जाएगा लेकिन बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में बहुत से खदानें हैं जो फिलहाल बंद है। लेकिन खननकर्ताओं द्वारा किये गए खनन से होने वाले गड्डों को भर नहीं गया है। जिससे कई लोग गहरी खदानें में भरे पानी मे गिर कर काल की गाल में समा गए है। बहुत सी खदानें हैं जो बिजली के टावर लाइन के नीचे है। जहां नियमित ब्लास्टिंग किया जा रहा है, जिससे कभी भी आधे यूपी में ब्रेकडाउन होने का खतरा लगातार बना रहता है। बिजली विभाग भी इस मुद्दे पर मौन है जबकि बिजली विभाग के सामने भी इस मुद्दे को उठाया जा चुका है।