ईओ की खुदकुशी मामले में कंप्यूटर आपरेटर समेत दो दोषियों को सात-सात वर्ष कारावास की सजा

बलिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी (ईओ) मणि मंजरी राय को आत्महत्या के लिए उकसाने के तकरीबन पौने तीन साल पुराने मामले में कंप्यूटर ऑपरेटर सहित दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सात-सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 27 March 2023, 8:49 PM IST
google-preferred

बलिया: बलिया जिले की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी (ईओ) मणि मंजरी राय को आत्महत्या के लिए उकसाने के तकरीबन पौने तीन साल पुराने मामले में कंप्यूटर ऑपरेटर सहित दो आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सात-सात साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार अपर जिला न्‍यायाधीश अरुण कुमार की अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सोमवार को कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश पांडे व उसके निजी ड्राइवर चंदन वर्मा को दोषी ठहराते हुए सात-सात साल कठोर कारावास व दस-दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।

उन्होंने घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि जिले के मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय ने बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी स्थित अपने आवास पर छह जुलाई 2020 की रात्रि में आत्महत्या कर ली थी।

उन्होंने बताया कि इस मामले में मणि मंजरी के भाई एवं गाजीपुर जिले के भांवरकोल गांव निवासी विजयानंद राय ने बलिया शहर कोतवाली में मनियर नगर पंचायत के चेयरमैन भीम गुप्ता, कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश पांडे, विनोद सिंह व ड्राइवर चंदन वर्मा के विरुद्ध संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कराया। उन्होंने आरोप लगाया था कि मणि मंजरी की प्रथम तैनाती मनियर नगर पंचायत में हुई तथा गलत टेंडर व फर्जी भुगतान हेतु दबाव बनाये जाने के कारण उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।

अभियोजन पक्ष ने बताया कि पुलिस ने सभी चार आरोपियों के विरुद्ध अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष ने बताया कि निचली अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान चेयरमैन भीम गुप्ता व विनोद सिंह ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की जहां उनके विरुद्ध सुनवाई पर उच्‍च न्‍यायालय ने स्थगन आदेश पारित कर दिया।

No related posts found.