New Delhi: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरु, विपक्ष ने मणिपुर हिंसा पर मांगा जवाब

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में कांग्रेस ने भाजपा को जमकर घेरा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 March 2025, 1:40 PM IST
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नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार 10 मार्च से शुरू हो गया है। इस दौरान भाजपा सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस और तकरार हुई। लोकसभा की कार्यवाही के आरंभ होते ही विपक्ष ने मणिपुर संकट के साथ-साथ भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर सवाल उठाए और मतदाता सूचियों में कथित हेरफेर को लेकर भी विरोध जताया।

विपक्ष ने जोर-शोर से सरकार से जवाब मांगा और आरोप लगाए कि चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी हो रही है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार इस सत्र के दौरान सरकार का मुख्य ध्यान अनुदान मांगों को पारित करने और बजट से संबंधित कार्यों को पूरा करने पर होगा।

गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए संसद में एक वैधानिक प्रस्ताव पेश करने की संभावना जताई है। वहीं केन्द्र सरकार के लिए एक और बड़ी प्राथमिकता वक्फ संशोधन विधेयक को शीघ्र पारित करना है। इस विधेयक के जरिए मुस्लिम समुदाय से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।

विपक्ष ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि हाल ही में तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र के मुद्दे को उठाया था।

चुनाव आयोग ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगले तीन महीनों में इसे सुधारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के बाहर के मतदाताओं को पश्चिम बंगाल में मतदान करने की अनुमति देने के कारण यह मामला सामने आया था, लेकिन टीएमसी के आरोपों को खारिज करते हुए चुनाव आयोग ने इसे एक तकनीकी मुद्दा बताया।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने वक्फ विधेयक पर चर्चा की बात की और कहा कि विपक्ष चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता की कमी को लेकर सरकार पर लगातार सवाल उठाता रहेगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव अब निष्पक्ष नहीं रह गए हैं और विपक्ष को इस पर अपनी आवाज उठानी जारी रखनी चाहिए। इसके साथ ही कांग्रेस ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा भारत के खिलाफ उठाए गए व्यापारिक कदमों पर भी अपनी चिंता जाहिर की।

संसद का यह बजट सत्र 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों और मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। जो देश की राजनीति और भविष्य की दिशा पर प्रभाव डाल सकते हैं।