

संभल हिंसा में पुलिस और योगी सरकार दोनो एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। मामले में पत्थरबाजी करने वाले 100 लोगों की पहचान की है और 27 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है और मजिस्ट्रियल जांच का आदेश हो गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस ने पत्थरबाजी करने वाले 100 लोगों की पहचान की है और इस मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने हिंसा मामले में 12 FIR दर्ज की हैं।
100 पत्थरबाजों की पहचान: पुलिस
पुलिस ने बताया कि संभल में सर्वे के दौरान टीम पर पथराव करने वाले 100 लोगों की पहचान की है। इन सभी लोगों की पहचान CCTV और लोकल सर्विलांस के आधार पर की है। हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस द्वारा गिरफ्तार लोगों में 14 साल की उम्र से लेकर 72 साल के आरोपियां शामिल हैं, जिन पर गंभीर धाराओं में आरोप लगाए गए हैं। साथ ही गिरफ्तार आरोपियों के जिला अधिकारी के ऑफिशियल ग्रुप में सूचना और फोटो जारी की है।
पत्थरबाजी में शामिल थे इन इलाकों के लोग
सूत्रों का कहना है कि शाही जामा मस्जिद इलाके, नखासा और हिंदूपूरा खेड़ा इलाके के ज्यादा लोग पत्थरबाजी में शामिल हुए थे। इस मामले में दो दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं, पुलिस का कहना है कि हिंसा में मृत सभी चार लोगों के परिवार ने भी पुलिस में शिकायत दी है। जिसके आधार पर अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है।
संभल हिंसा मामले में दर्ज एक एफआईआर में पुलिस ने सांसद
जियाउर्ररहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सुहैल इकबाल पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। पुलिस का आरोप है कि आरोपियों ने पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नीयत से हमला किया था। साथ ही FIR में पुलिस ने सांसद जियाउर्ररहमान और सुहैल को आरोपी नंबर एक व आरोपी नंबर 2 का नाम दिया है।