यूपी के इस जिले में ई-रिक्शा पंजीकरण अनिवार्य, जानिये यात्रियों के शोषण व उत्पीड़न से जुड़ा पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

यूपी के एक जनपद में ई-रिक्शा चालकों द्वारा तीर्थयात्रियों के कथित शोषण और उत्पीड़न को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने इस वाहन का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

ई-रिक्शा पंजीकरण हुआ अनिवार्य
ई-रिक्शा पंजीकरण हुआ अनिवार्य


मथुरा: मथुरा में ई-रिक्शा चालकों द्वारा तीर्थयात्रियों के कथित शोषण और उत्पीड़न को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने इस वाहन का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उपजिलाधिकारी गोवर्धन कमलेश गोयल ने बुधवार को बताया, 'पहले चरण में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर चलने वाले ई-रिक्शा पर नियम लागू होगा। वैध पंजीकरण संख्या वाले केवल 400 ई-रिक्शा को परिक्रमा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी।'

उन्होंने बताया कि परिक्रमा मार्ग पर चलने वाले प्रत्येक ई-रिक्शा में अलग-अलग दूरियों के लिए किराया सूची, पंजीकरण संख्या और वाहन पर पुलिस का टेलीफोन नंबर अंकित होगा।

अधिकारियों के मुताबिक, पहले चरण में यह व्यवस्था लगभग 22 किलोमीटर लंबे गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर चलने वाले ई-रिक्शा पर लागू होगी जबकि अन्य क्षेत्रों को आगे के चरणों में इसमें शामिल किया जाएगा।

आमतौर पर बड़ी संख्या में भक्त गोवर्धन परिक्रमा पैदल ही पूरी करते हैं। हालांकि, कुछ बुजुर्ग और वरिष्ठ नागरिक इसके लिए ई-रिक्शा सेवा का भी इस्तेमाल करते हैं।

अधिकारियों ने कहा कि ई-रिक्शा के चालकों के लिए वर्दी संहिता भी लागू होगी। उन्हें अपनी पहचान साबित करने के लिए एक टोकन भी दिया जाएगा। यह प्रणाली एक अप्रैल से लागू होगी।










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