Rajya Sabha: कांग्रेस सांसद की दक्षिणी राज्यों के लिए ‘एक अलग राष्ट्र’ की मांग के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस के एक सांसद की ओर से कथित तौर पर दक्षिणी राज्यों के लिए ‘एक अलग राष्ट्र’ की मांग उठाए जाने के मुद्दे पर राज्यसभा में शुक्रवार को हंगामा हुआ और सत्ताधारी पक्ष ने इस बयान को देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता पर हमला करार देते हुए कांग्रेस से स्पष्टीकरण और माफी की मांग की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

राज्यसभा में हंगामा
राज्यसभा में हंगामा


नयी दिल्ली: कांग्रेस के एक सांसद की ओर से कथित तौर पर दक्षिणी राज्यों के लिए ‘एक अलग राष्ट्र’ की मांग उठाए जाने के मुद्दे पर राज्यसभा में शुक्रवार को हंगामा हुआ और सत्ताधारी पक्ष ने इस बयान को देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता पर हमला करार देते हुए कांग्रेस से स्पष्टीकरण और माफी की मांग की।

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सदन के नेता पीयूष गोयल की ओर से उठाए गए इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगर कोई भी देश को तोड़ने की बात करेगा तो कांग्रेस पार्टी उसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।

सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और उसके बाद गोयल को बोलने का मौका दिया।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गोयल ने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और कांग्रेस शासित राज्य के एक उपमुख्यमंत्री के भाई ने बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक वक्तव्य दिया है।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार का वक्तव्य देने वाला कांग्रेस का सांसद भी है।

कांग्रेस सांसद डी के सुरेश ने बृहस्पतिवार को कथित तौर पर कहा कि अगर विभिन्न करों से एकत्रित धनराशि के वितरण के मामले में दक्षिणी राज्यों के साथ हो रहे 'अन्याय' को दूर नहीं किया गया तो दक्षिणी राज्य एक अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

गोयल ने कहा कि यह कांग्रेस की विभाजनकारी सोच को दर्शाता है। कांग्रेस पर समय-समय पर देश को बांटने का आरोप लगाते हुए गोयल ने कहा कि ताजा प्रकरण इसका यह एक उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि जब हम सदन के सदस्य बनते हैं तब देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने की शपथ लेते हैं और संविधान के अनुपालन की शपथ लेते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के संविधान का अपमान है। देश की एकता और अखंडता पर यह हमला है।’’

सदन के नेता ने कांग्रेस से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने और माफी मांगने की मांग की।

उन्होंने कहा, ‘‘इस विभाजनकारी सोच को देश कभी स्वीकार नहीं करेगा।’’

इसका जवाब देते हुए खरगे ने कहा कि जिस सांसद के वक्तव्य की बात की जा रही है वह दूसरे सदन (लोकसभा) का सदस्य है, लिहाजा इसकी चर्चा उच्च सदन में नहीं की जा सकती।

सभापति धनखड़ ने खरगे की इस बात को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी इस प्रकार की व्यवस्था दी है कि सदन में ऐसे मामलों पर चर्चा की जा सकती है।

इस पर खरगे ने कहा कि अगर सदस्य ने ऐसा कुछ कहा है तो उसका वीडियो लाकर उसे निचले सदन में सत्तापक्ष की ओर से ‘एक्सपोज’ किया जा सकता है।

सभापति ने इस पर टोकते हुए कहा कि सभी ने संविधान के अंतर्गत शपथ ली है और सांसद ने जो बयान दिया है, वह उनके हिसाब से बहुत गंभीर, अप्रत्याशित और संविधान की भावना के खिलाफ है।

खरगे ने कहा कि सदन चाहे तो इस मामले को विशेषाधिकार हनन समिति को भेजे और उस पर कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई देश को तोड़ने की बात करेगा तो हम कभी सहन नहीं करेंगे। चाहे वह मेरी पार्टी का हो या किसी और पार्टी का हो। इस देश की एकता के लिए... कोई कहे या नहीं कहे... मैं मल्लिकार्जुन खरगे कहूंगा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत एक है और एक रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए कांग्रेस के कई नेताओं ने कुर्बानी दी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने अपने प्राणों का बलिदान दिया।

उन्होंने सत्ताधारी पक्ष पर तंज कसते हुए कि पूछा कि क्या उसके नेताओं ने देश के लिए कभी कोई कुर्बानी दी?

सभापति धनखड़ ने इस मुद्दे को उठाने वाले गोयल से संबंधित आरोपों को सबूत के साथ सदन में प्रतिस्थापित करने को कहा।

डी के सुरेश ने यह भी दावा किया था कि दक्षिण से एकत्रित कर की धनराशि को उत्तर भारत में वितरित किया जा रहा है और दक्षिण भारत को उसका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है।

सुरेश, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के भाई हैं। 










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