Rajya Sabha: विदाई भाषण में भावुक हुए गुलाम नबी आजाद, बताए अपने अनुभव, कही ये बात

डीएन ब्यूरो

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनके सम्मान में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई सांसदों ने विदाई भाषण दिया। इसके बाद विदाई भाषण के दौरान गुलाम नबी आजाद भावुक होते नजर आए। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद


नई दिल्लीः राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल पूरा हो रहा है। उनके सम्मान में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई सांसदों ने विदाई भाषण दिया। इस दौरान विदाई भाषण के समय गुलाम नबी आजाद भावुक हो गए।

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अपने विदाई भाषण में उन्‍होंने कहा कि मैं 'उन चंद खुशकिस्‍मत लोगों में से हूं जो कभी पाकिस्‍तान नहीं गए। जब मैं पाकिस्‍तान के हालात के बारे में पढ़ता हूं तो अपने हिंदुस्‍तानी मुसलमान होने पर गर्व महसूस करता हूं।' गुलाम नबी आजाद ने कहा कि दुनिया देख रही है कि मुस्लिम देश कैसे आपस में लड़कर खत्‍म हुए जा रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्‍ठ सांसद ने पाकिस्‍तान से हमदर्दी जताने वालों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा हमदर्द तो पाकिस्‍तान के बहुत हैं, सुनने में आया है मैं कभी गया नहीं। लेकिन जो समाज में बुराइयां हैं, दूसरे मुल्‍क के बारे में नहीं कहना चाहिए लेकिन हम गौरव से ये कह सकते हैं कि हमारे मुसलमानों में वो बुराइयां, खुदा न करे कि कभी भी लाए। लेकिन यहां मेजॉरिटी कम्‍युनिटी को भी दो कदम आगे बढ़ने की जरूरत है, तभी मॉइनॉरिटी कम्‍युनिटी 10 कदम आगे बढ़ेगी।

गुलाम नबी ने बताया कि उन्होंने देशभक्ति महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और मौलाना आजाद को पढ़कर सीखी है। गुलाम नबी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और संजय गांधी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी वजह से मैं यहां तक पहुंच पाया। 

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बता दें कि गुलाम नबी आजाद का 15 फरवरी को कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। साथ ही वे उच्च सदन में विपक्ष के नेता के पद से भी हट जाएंगे। गुलाम नबी आजाद साल 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे। वह करीब 41 सालों से संसदीय राजनीति में हैं। वह साल 2014 से राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। वह पांच बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा सांसद रहे हैं।










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