Rajasthan: कोटा में एक और छात्र ने की आत्महत्या, जानिए पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

राजस्थान के कोटा जिले में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के एक अभ्यर्थी ने छात्रावास के कमरे में पंखे से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

छात्र ने की आत्महत्या (सांकेतिक तस्वीर)
छात्र ने की आत्महत्या (सांकेतिक तस्वीर)


कोटा: राजस्थान के कोटा जिले में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के एक अभ्यर्थी ने छात्रावास के कमरे में पंखे से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। 

कोचिंग के गढ़ में इस साल छात्र की संदिग्ध खुदकुशी का यह पहला मामला है।

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घटना मंगलवार की है और पुलिस ने कोटा के न्यू राजीव गांधी नगर इलाके के एक छात्रावास के कमरे से उत्तर प्रदेश निवासी अभ्यर्थी का शव बरामद किया है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार ‘कोटा हॉस्टल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने बताया कि जिस कमरे में घटना हुई, वहां के पंखे में खुदकुशी रोकने के लिए उपकरण नहीं लगा था, जो कि जिले के छात्रावासों के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।

मित्तल ने बताया कि एसोसिएशन छात्रावास को काली सूची में डालेगी और जिला प्रशासन से इसे बंद करने की सिफारिश करेगी। उन्होंने बताया कि शहर में अभी भी कई छात्रावास हैं जहां दिशा-निर्देशों पालन नहीं किया जा रहा है।

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कोटा जिले के अधिकारियों ने छात्रावासों को छत वाले पंखों में एक स्प्रिंग की तरह का उपकरण लगाने का आदेश दिया था जो खुदकुशी के प्रयासों को विफल करने में काफी मददगार है।

जवाहर नगर क्षेत्र के उप पुलिस अधीक्षक भवानी सिंह ने बताया कि मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के निवासी मोहम्मद जैद (19) के रूप में हुई है। वह शहर के एक कोचिंग संस्थान में नीट के दूसरे प्रयास की तैयारी कर रहा था।

अधिकारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया है और परिजनों को आने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा।

सिंह ने बताया कि मंगलवार को शाम तक जैद अपने कमरे से बाहर नहीं आया तब छात्रावास के संरक्षक ने रात करीब 10 बजे पुलिस को इसकी सूचना दी।

डीएसपी ने बताया कि कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है और जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगा कि छात्र ने ऐसा कदम क्यों उठाया।

कोटा में पिछले साल छात्रों के आत्महत्या के 26 मामले सामने आये थे, जो कि कोचिंग के इस गढ़ में एक साल में सबसे अधिक मामले हैं। यहां देशभर से हर साल लाखों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं।










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