रायबरेली की घटना सरकार को बदनाम करने की साजिश: डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा
कल यूपी के रायबरेली जिले में कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की गाड़ी पर हमला हुआ था। जिसमें कांग्रेस विधायक को चोटें भी आईं। इसे लेकर कांग्रेस की ओर से रायबरेली के भाजपा एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह समेत दूसरे भाजपाई नेताओं के खिलाफ कांग्रेस ने मुकदमा भी दर्ज कराया है। जिसकी जांच करने में रायबरेली पुलिस जुटी है।
लखनऊ: देश में जहां एक और लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी हुई हैं और अलग-अलग दलों के नेता वोटों के लालच में तरह-तरह की राजनीतिक बयानबाजी में मशगूल हैं। वहीं दूसरी ओर कल यूपी के रायबरेली जिले में जिला पंचायत सदस्यों को अगवा किए जाने की घटना सामने आई। उसके बाद से यूपी का राजनीतिक तापमान चढ़ा हुआ है। पहले तो इस मामले में प्रदेश के आला पुलिस अफसर जवाब देने से बचते रहे।
गौरतलब है कि प्रदेश के किसी भी जिले में जब 5 लीटर कच्ची शराब भी पकड़ी जाती है तब यूपी के लखनऊ स्थित राज्य मुख्यालय में गृह विभाग की ओर से बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी जाती है। कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में जिला पंचायत सदस्य के अपहरण और विधायक की गाड़ी पर हमला होने और कांग्रेस की ओर से इस घटना के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताए जाने के बाद भी इस पर प्रदेश के किसी भी पुलिस अधिकारी या प्रशासनिक अफसर ने बोलने की जहमत नहीं उठाई।
घटना में संलिप्त सभी दोषियों पर होगी कार्रवाई
आज प्रदेश के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने अदिति मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस घटना के पीछे जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।
SK Bhagat, IG, Lucknow range, said yesterday, "Zila Panchayat members have alleged that a few members are missing. Necessary action will be taken. Force was allotted where voting was to take place. We'll take a report"....The Zila Panchayat members haven't been found yet pic.twitter.com/mAd9ta7dcR
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— ANI UP (@ANINewsUP) May 15, 2019
मामले में पीड़ित जिला पंचायत सदस्यों की ओर से एसपी रायबरेली की भूमिका पर सवाल उठाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि घटना की जांच मजिस्ट्रेट कर रहे हैं। जांच के बाद यदि एसपी रायबरेली की भूमिका संदिग्ध होगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
मामले की जानकारी देते हुए प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि घटना को लेकर भाजपा के नेताओं को बदनाम करने की कोशिशें कांग्रेस पार्टी की ओर से की जा रही हैं। जबकि असलियत में इस घटना के पीछे भाजपा सरकार के किसी भी व्यक्ति का कोई हाथ नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस रायबरेली के जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर उन्हें उनके पद से हटाना चाहती थी। जबकि कांग्रेस के पास केवल 7 जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन था। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव में बदनामी के डर से रायबरेली के 20 जिला पंचायत सदस्यों को मध्य प्रदेश ले जाकर बंधक बना लिया है। जबकि बीती 13 मई को मध्य प्रदेश पुलिस की सुरक्षा में उन्हें यूपी सीमा तक पहुंचाया गया था।
तेज रफ्तार के कारण पलटी कार
वहीं रायबरेली सदर विधायक आदित्य सिंह की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले पर बोलते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि आदिति सिंह लखनऊ से रायबरेली जा रही थी की कठवारा से आगे नेशनल हाईवे पर एक पतली सड़क नयापुरवा से आकर हाईवे पर मिलती है। उस पतली सड़क से एक बाइक सवार अचानक हाईवे पर आ गया और विधायक की गाड़ी जो काफी स्पीड में थी, अनियंत्रित होकर पलट गई।
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कांग्रेस पर राज्य सरकार को बदनाम करने का आरोप
हालांकि इस घटना में विधायक को मामूली चोटें आई हैं। विधायक की गाड़ी में बैठे जिला पंचायत सदस्य राकेश अवस्थी को भी चोट लगी है। उन्होंने इस घटना के माध्यम से कांग्रेस पर सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया और कहा कि घटना की जांच होने के बाद जो भी लोग दोषी होंगे। उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ देरी से पहुंचे रायबरेली एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि कल की घटना को लेकर कांग्रेस की ओर से उनके खिलाफ रायबरेली में एफआईआर दर्ज दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा की उन्हें कानून पर विश्वास है। जांच में सच सामने आ जायेगा।
कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार से मांगी सुरक्षा
लखनऊ के कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर की मौजूदगी में विधायक अदिति सिंह ने सरकार से सुरक्षा की मांग की है। इस दौरान राज बब्बर ने कहा आज कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल राम नाईक से मिलकर मामले की जांच निष्पक्ष कराए जाने की मांग की है। राज्यपाल की ओर से निष्पक्षता से जांच का आश्वासन दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करती है तो आंदोलन किया जाएगा।