रायबरेली: बारिश से सड़कों पर बने गड्ढे मौत को दे रहे दावत

डीएन ब्यूरो

जनपद में बारिश के बाद सड़कों पर बड़े- बड़े गड्ढे होने शुरु हो गए हैं, जो हादसों को बुलावा दे रहे हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सड़कों पर गड्ढे हादसों को न्यौता
सड़कों पर गड्ढे हादसों को न्यौता


रायबरेली: प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की जो बात कही थी उसकी पोल बरसात ने खोल कर रख दी है।शहर की बात करें तो यहां कई ऐसी सड़कें मिल जाएंगी जिनमें गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढ़ों में सड़क दिखाई दे रही है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कुछ शहरी इलाकों में सड़कें इस कदर खराब हो चुकी हैं कि उसमें लगातार पानी भरा रहता है। जिससे सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।  पिछले 48 घंटे से हो रही बारिश ने सड़कों को नुकसान पहुंचा दिया है। शहर के मनिका  टाकीज रोड पर पर गड्ढे बन गए हैं। वहीं नेहरू क्रासिंग की तरफ भी सड़क सीवर टैंक के पास धंस गई है। 

किसी राहगीर ने एक गड्ढे में किसी पार्टी का झंडा भी लगा दिया। ताकि यहां से गुजरने वाला कोई भी राहगीर इस गड्ढे से सावधान हो जाए और उसमें गिरने से बच जाए।

गौरतलब है कि नेहरू क्रासिंग रोड पर अमृत योजना के तहत पाइपलाइन डाली गई थी। जब भी बारिश होती है यह सड़क धंस जाती है। जिससे यहां गड्ढे बन जाते हैं ।

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इससे साफ तौर पर कहा जा रहा है कि सड़क के निर्माण में भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है।

बारिश ने खोली पोल

सड़कों पर गढ्ढों को लेकर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने कहा की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बड़े जुमलेबाज निकल गए। जो यह दावे करते थे कि 15 दिन के अंदर प्रदेश को गड्ढा मुक्त कर देंगे। वह दावे 15 दिन में बारिश ने धो दिए हैं।

उन्होंने कहा कि रायबरेली में मानक टॉकीज रोड ही नहीं बल्कि जेल गार्डन रोड कहारों के अड्डे का रोड व कई शहरी इलाके ऐसे हैं जहां पर अमृत योजना के तहत गड्ढे खोद दिए गए हैं। जिससे शहरवासी नारकीय जीवन जी रहे हैं। जगह-जगह पानी भर गया है लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

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पैसे की बंदरबाट के चलते रोड का बंटाधार

उन्होंने कहा कि नगर पालिका में पैसे की बंदरबाट को लेकर सत्ता पक्ष खेल-खेल रही है। विकास के नाम पर शहर का भाजपा ने सर्वनाश ही किया है। खुद को डबल इंजन की सरकार कहने वाले खुद ही आपस में पैसे की खींचतान में लगे रहते हैं।










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