UP Police: यूपी पुलिस की साख पर गंभीर सवाल, हत्याकांड में शव गायब करने का आरोप, जानिये रायबरेली का ये मामला

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिसिंग सुधारने के लाख प्रयास कर लें लेकिन समय समय पर पुलिस ऐसे कार्य कर देती है, जो उनके प्रयासों को विफल कर देती है। रायबरेली में ऐसा ही मामला सामने आया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन करते ग्रामीण
एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन करते ग्रामीण


रायबरेली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिसिंग सुधारने के लाख प्रयास कर लें लेकिन समय समय पर पुलिस ऐसे कार्य कर देती है, जो मुख्यमंत्री के प्रयासों को विफल कर देती है। जिले के थाना प्रभारी मनमानी कार्यवाही करके  विभाग की फजीहत करा रहे हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक ताजा मामला रायबरेली के महाराजगंज थाना क्षेत्र के रुद्र नगर का है। शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई बुजुर्ग की मौत के बाद उसके शव  का पोस्टमार्टम करवा दिया गया। उसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सुपुर्द करने के बजाय महाराजगंज पुलिस ने शव को गायब कर दिया है।

इस मामले को लेकर परिजनों के साथ दर्जनों ग्रामीण शनिवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए शव ढूंढ कर परिजनों को सौंपने की मांग की है।

परिजनों का आरोप है कि बुजुर्ग सुंदर लाल की हत्या की गई है। क्योंकि उनका शव गांव के रहने वाले उन लोगों के दरवाजे मिली थी, जिसपर परिजन हत्या का आरोप लगा है। जब इस पूरे मामले पर महाराजगंज थाना इंचार्ज से दूरभाष के माध्यम से जानकारी लेनी चाहिए तो थाना अध्यक्ष ने मामले की जानकारी ही ना होना बताया। 

मृतक की बहू सुलेखा का कहना है कि पूरा मामला प्रॉपर्टी से जुड़ा हुआ है। एक दिन पहले ही जमीन का एग्रीमेंट के लिये गांव के ही राजेश कुमार, राम अभिलाष व अन्य चार-पांच साथी मेरे ससुर को शराब पिलाकर प्रॉपर्टी लिखवाने की फिराक में थे। एक दिन पहले ही मेरे ससुर से एग्रीमेंट करवाया गया था। जिसकी जानकारी थाना अध्यक्ष को दी गई थी। लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। उनकी लाश को गायब कर दिया गया है।

फिलहाल परिजनों के साथ ग्रामीणों ने आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव कर थाना अध्यक्ष महाराजगंज के खिलाफ नारेबाजी की। क्योंकि तहसील दिवस होने के कारण पुलिस अधीक्षक तो नहीं मिले लेकिन ऑफिस ने प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया गया है।

अब देखना यह होगा कि मामला एसपी के पास आने के बाद क्या ग्रामीण व परिजनों को न्याय मिल पाता है या नहीं।










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