Punjab Bandh: किसान आंदोलन का रेल सेवाओं पर बड़ा असर, कई ट्रेनें बाधित, सड़कें बंद

पंजाब में सोमवार को किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया है, जिसे लेकर यातायात पर इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है।

Updated : 30 December 2024, 9:32 AM IST
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खनौरी: पंजाब में सोमवार को किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया है। यह बंद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में किया गया है, जो खनौरी बॉर्डर पर 34 दिनों से अनशन पर हैं। किसानों की मुख्य मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी समेत कुल 13 मांगें शामिल हैं।

सुबह 7 बजे से नेशनल हाईवे पर धरना

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, किसानों ने सुबह 7 बजे से ही अमृतसर-दिल्ली और जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे समेत कई प्रमुख सड़कों पर धरना शुरू कर दिया। हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं और एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को जाम से छूट दी गई है। बंद को देखते हुए पंजाब पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर वैकल्पिक मार्ग अपनाने की अपील की है। प्रदेशव्यापी बंद के आह्वान के कारण 200 से ज्यादा सड़के बंद की गई है। 

ट्रेन और बस सेवाएं प्रभावित

बंद के चलते पंजाब में सड़क और रेल यातायात पर व्यापक असर पड़ा है। करीब 163 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जबकि कई ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं। सरकारी बसों का संचालन भी बाधित हुआ है, और 1,000 से ज्यादा बसें सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रहेंगी।

हिसार में हुई महापंचायत

रविवार को हरियाणा के हिसार में किसानों ने एक खाप महापंचायत का आयोजन किया। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने आंदोलन को और तेज करने की अपील की। रेसलर बजरंग पुनिया और किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने भी इस महापंचायत में हिस्सा लिया और पंजाब के लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की।

एसजीपीसी समेत अन्य संगठनों का समर्थन

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और कई सामाजिक संगठनों ने भी किसानों के बंद का समर्थन किया है। एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने केंद्र और राज्य सरकार से किसानों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर मानने की अपील की। एसजीपीसी कार्यालय और उसके अधीन सभी संस्थान सोमवार को बंद रहेंगे।

सरकार पर अड़ियल रवैये का आरोप

किसानों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारें उनकी जायज मांगों पर ध्यान नहीं दे रहीं। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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