जानिये! नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर क्या बोलें, लखनऊ के शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी

डीएन ब्यूरो

पुराने लखनऊ के घंटाघर में महिलाओं के प्रदर्शन का आज 6 वां दिन है। प्रदर्शन में शामिल मुस्लिम महिलाओं का कहना है की सरकार जब तक सीएए और एनआरसी कानून वापस नहीं लेती। तब तक ये धरना चलता रहेगा। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर...



लखनऊ: देश के कई हिस्सों में केन्द्र सरकार सीएए और एनआरसी के खिलाफ जगह-जगह विरोध जारी है। वहीं लखनऊ के घंटाघर में महिलाओं के प्रदर्शन भी जारी है। 

आज विरोध प्रदर्शन का 6वां दिन है। दर्शन में शामिल मुस्लिम महिलाओं का कहना है की सरकार जबतक सीएए और एनआरसी कानून वापस नहीं लेती, तबतक ये धरना चलता रहेगा। धरने में सैकड़ो की तादाद में महिलायें, बच्चे शामिल हैं। सबका आरोप है की धरने के आज कई दिन बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन या यूपी सरकार का कोई जिम्मेदार अफसर या राजनेता उनकी बाते सुनने तक धरना स्थल तक नहीं आया।

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बता दें कि जहां एक तरफ सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध जारी है। वहीं दूसरी तरफ केन्द्र सरकार सीएए और एनआरसी को लेकर जगह-जगह रैलियों और जनसभाओं के माध्यम से जागरूकता फैलाने में लगी है। देश के गृह मंत्री अमित शाह कल लखनऊ पहुंचे हैं, जहां उन्होनें रैली के माध्यम से साफ कर दिया की इस मुद्दें पर सरकार पीछे हटने के मूड में नहीं है। साथ ही सीएए किसी की नागरिकता लेने का नहीं बल्की नागरिकता देने का कानून है।

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आपको बता दें की सीएए के माध्यम से केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए शरणार्थियों के लिए नागरिकता का रास्ता साफ किया है, जो शरणार्थी 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गये हैं। इसमें हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, इसाई और पारसी आदि धर्मों को शामिल किया गया है।










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