बुरे फंसे सोनिया और राहुल गांधी, इतने करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी होगी जब्त, जानिए क्यों

ईडी ने एजेएल की 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा शुरू कर दिया है। जिसके बाद कांग्रेस की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

Updated : 12 April 2025, 5:17 PM IST
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नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड से जुड़े बहुचर्चित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस नियंत्रित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 661 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों पर कब्ज़ा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ईडी ने इस संबंध में शुक्रवार को दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित एजेएल की संपत्तियों पर कब्ज़े के नोटिस चस्पा किए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ईडी के अफसरों का कहना है कि यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 8 और नियम 5(1) के तहत की गई है। एजेंसी ने नवंबर 2023 में इन संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। जिसे बाद में PMLA के निर्णायक प्राधिकरण द्वारा भी पुष्टि मिल चुकी है। अब ईडी अंतिम कब्ज़ा प्रक्रिया को अंजाम देने में जुट गई है।

किन-किन संपत्तियों पर लगा नोटिस?

दिल्ली: आईटीओ स्थित चर्चित हेराल्ड हाउस
मुंबई: बांद्रा इलाके में स्थित संपत्ति
लखनऊ: बिशेश्वर नाथ रोड पर स्थित एजेएल भवन

नोटिस में दिल्ली और लखनऊ की संपत्तियों को तत्काल खाली करने और मुंबई की संपत्ति से होने वाली किराये की आय ईडी को स्थानांतरित करने की स्पष्ट हिदायत दी गई है।

क्या है मामला?

यह मामला यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड और एजेएल के बीच संदिग्ध वित्तीय लेन-देन से जुड़ा है। एजेएल ही नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता है, और इसका स्वामित्व यंग इंडियन कंपनी के पास है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी इस कंपनी में 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं।

ईडी का आरोप है कि यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का इस्तेमाल, 18 करोड़ रुपये के फर्जी दान, 38 करोड़ रुपये के फर्जी अग्रिम किराये और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के ज़रिए अवैध धन को वैध बनाने (मनी लॉन्ड्रिंग) में किया गया। एजेंसी का दावा है कि इस पूरी प्रक्रिया में मनी लॉन्ड्रिंग के तत्व साफ तौर पर उजागर होते हैं।

क्या होगा आगे?

ईडी ने सभी संबंधित पक्षों को नोटिस का अनुपालन करने के लिए समयसीमा के भीतर निर्देशों का पालन करने को कहा है। यदि नोटिस का पालन नहीं किया गया तो एजेंसी कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी। यह मामला राजनीतिक और कानूनी रूप से काफी संवेदनशील माना जा रहा है। आने वाले दिनों में इसके और भी बड़े प्रभाव सामने आ सकते हैं।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार

फिलहाल, कांग्रेस पार्टी की ओर से इस ताजा कार्रवाई पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साध सकती है।

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