Uttar Pradesh: यूपी में अब परशुराम के नाम पर राजनीति, ब्राह्मण वोटों के लिए राजनैतिक दलों में मची होड़

उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2022 का चुनाव करीब आ रहा है। वैसे-वैसे प्रदेश का राजनैतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। फिलहाल, सभी दलों में ब्राह्मण वोटों को सहेजने की होड़ मची है। पढ़ें पूरी खबर..

Updated : 12 August 2020, 5:02 PM IST
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लखनऊः भगवान परशुराम के नाम पर ही सही यूपी में चुनावी गोटियां सजने लगी हैं। प्रदेश में ब्राह्मण उत्पीड़न के नाम पर सभी राजनैतिक पार्टियां खुद को सबसे बड़ा ब्राह्मण हितैषी साबित करना चाहती हैं।

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प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ पुलिस की कारवाई को हथियार बनाकर योगी सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। एक तरफ समाजवादी पार्टी का कहना है कि लखनऊ में भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसमें पार्टी सहयोग करेगी। प्रदेश में ब्राह्मण उत्पीड़न को ही लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया है की यूपी मे पार्टी की सरकार बनने पर सभी जिलों मे भगवान परशुराम के नाम पर अस्पताल खोलें जाएंगे।

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वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने सीएम योगी को पत्र लिखकर प्रदेश मे परशुराम जंयती पर फिर से सरकारी अवकाश घोषित करने की मांग उठाई है। इसी मुद्दे पर बोलते हुए यूपी के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया की कांग्रेस पार्टी सभी जातियों, वर्गों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है।

प्रदेश में किसी वर्ग का उत्पीड़न न हो, कानून-व्यवस्था पर सरकार ध्यान दे। स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को समय पर वेतन मिल जाए,  इसकी मांग प्रदेश सरकार से की गई है। मगर 2022 विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ ही जातिगत मुद्दें एक बार फिर से हावी होते दिख रहे हैं।

जबकि विकास, रोजगार, शिक्षा, अच्छी चिकित्सा सुविधा जैसे मुद्दे पीछे छूटते जा रहे हैं। सभी राजनैतिक पार्टियों को इस पर विचार करना होगा। वहीं ब्राह्मणों की भाजपा से नाराज़गी की मीडिया में आ रही खबरों के बीच ब्राह्मण वोटर किस ओर जाएगा, ये तय होने में अभी काफी समय है।