जी20 नेताओं की घोषणापत्र में यूक्रेन संकट के वर्णन को लेकर आम सहमति का कोई स्पष्ट संकेत नहीं

जी20 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले तक यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नेताओं के घोषणा पत्र में यूक्रेन संकट का जिक्र होगा या नहीं। चीन इस विवादास्पद मुद्दे पर मतभेदों को पाटने में मुख्य बाधा बनकर उभरता दिख रहा है।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 9 September 2023, 11:09 AM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: जी20 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले तक यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नेताओं के घोषणा पत्र में यूक्रेन संकट का जिक्र होगा या नहीं। चीन इस विवादास्पद मुद्दे पर मतभेदों को पाटने में मुख्य बाधा बनकर उभरता दिख रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक विवादास्पद मुद्दे पर अभी तक कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई है, और जी20 शेरपा इसका सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए गहन बातचीत कर रहे हैं।

दो सूत्रों ने बताया कि जी7 देश यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ के बिना किसी भी घोषणापत्र पर सहमत नहीं हुए, साथ ही अन्य पेचीदा मुद्दे भी हैं।

एक सूत्र ने कहा, “लेकिन हमें उम्मीद है कि वे मान जाएंगे।”

जी20 समूह आम सहमति के सिद्धांत के तहत काम करता है और ऐसी आशंका रही है कि आम राय की कमी के कारण शिखर सम्मेलन में कोई संयुक्त बयान जारी न किया जाए।

पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान रूस और चीन दोनों ने घोषणापत्र में यूक्रेन संघर्ष पर दो पैराग्राफ शामिल करने पर सहमति जताई थी, लेकिन इस साल वे इससे पीछे हट गए, जिससे भारत के लिए मुश्किलें पैदा हो गईं।

इस बीच, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) आम सहमति से घोषणापत्र को अंतिम रूप देने के भारत के प्रयासों का समर्थन करता है, लेकिन यूरोपीय संघ रूस की आक्रामकता के सामने यूक्रेन का समर्थन करने के लिए दृढ़ और एकजुट है।

यूक्रेन संकट के कारण नेताओं के घोषणापत्र में रुकावट आने की आशंका के बारे में पूछे जाने पर मिशेल ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि यह संभव है या नहीं, अंतिम विज्ञप्ति पर सहमति बनेगी, हम देखेंगे। लेकिन हम अपने सिद्धांतों की रक्षा करेंगे और भारत द्वारा किए गए प्रयासों का भी समर्थन करेंगे।'

 

No related posts found.