

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में पॉपकॉर्न पर GST दरों के पीछे का तर्क समझाया तो सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िए पूरी खबर
नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को अपनी 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर टैक्स स्ट्रक्चर के बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि मौजूदा दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में जीएसटी दरों के पीछे का तर्क समझाया और कहा, “कुछ राज्यों में नमकीन, कैरामेलाइज़्ड, सादे पॉपकॉर्न नमकीन के रूप में बेचा जा रहा है। कारमेलाइज़्ड पॉपकॉर्न एक्सट्रा शुगर के साथ आता है, इसलिए नमकीन से अलग है।
कितना लगता है पॉपकॉर्न पर जीएसटी
केंद्रीय वित्त मंत्री ने मीटिंग में कहा कि नमक और मसालों के साथ मिक्स्ड अनपैक्ड और बिना लेबल वाले पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लगता है। साथ ही प्री-पैक्ड पॉपकॉर्न और लेबल वाले रेडी-टू-ईट स्नैक्स पर 12% जीएसटी लगता है। तो वहीं कैरामेलाइज़्ड पॉपकॉर्न पर 18% जीएसटी लगाया जाता है।
इसके सोशल मीडिया पर कई तरह के रिएक्शन आर रहे हैं। कई लोग तीन अलग-अलग दरें लगाने की जरूरत को लेकर जागरुक नहीं थे। कई लोगों नेबताया कि स्वीट चीज़ों पर अलग-अलग टैक्स लगाना आम बात है। वहीं कई लोग इसपर खूब मीम्स भी बना रहे हैं।
मीम्स हो रहे हैं वायरल
ऐसे में सोशल मीडिया पर पॉपकॉर्न को लेकर कई मीम्स वायरल हो रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा, ''मुझे उम्मीद है कि यह तर्क 'शुगर वाली चाय' और 'शुगर फ्री चाय' पर लागू नहीं किया जाएगा''। वहीं दूसरे यूज़र ने खट्टी-मीठी नमकीन की फोटो शेयर कर लिखा, ''क्या आपको पता है कि जीएसटी के तहत इस पर कैसे टैक्स लगाया जाता है? नमकीन के रूप में? या कैरमेल पॉपकॉर्न के रूप में? सख्ती से एक दोस्त के लिए पूछ रहा हूं''
इसके अलावा एक यूज़र ने लिखा, रूस ने कैंसर के लिए वैक्सीन विकसित किया, चीन ने डाइबिटीज़ का इलाज बनाया, संयुक्त राज्य अमेरिका ने एआई रोबोट विकसित किया, इस बीच भारत ने पॉपकॉर्न में 3 अलग-अलग टैक्स कॉम्पोनेंट पाए हैं। वहीं एक यूज़र ने लिखा, ''निर्मला ताई को फिल्म दिखाने नहीं ले गए इसी तरह उन्हें पॉपकॉर्न पर जीएसटी बढ़ा दिया''