Lucknow Double Murder:लखनऊ डबल मर्डर केस में बड़ा खुलासा, पुलिसकर्मी और पत्नी गिरफ्तार

लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में डबल मर्डर केस में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

Updated : 23 March 2025, 6:41 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में डबल मर्डर की वारदात में शामिल दो आरोपियों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। ये आरोपी कोई और नहीं बल्कि एक पुलिसकर्मी महेंद्र कुमार और उसकी पत्नी दीपिका हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दंपती ने मिलकर मनोज और रोहित नामक दो युवकों की गला रेतकर हत्या की है।

डाइनामाइट न्यूज संबाददाता के अनुसार, हत्या के पीछे प्रेम-प्रसंग का मामला बताया जा रहा है। पूछताछ के दौरान, पुलिस को जानकारी मिली है कि पुलिसकर्मी महेंद्र कुमार ने अपनी पत्नी दीपिका के माध्यम से मनोज को बुलाया था। हत्या की इस योजना में दोनों ने मिलकर सक्रिय भूमिका निभाई और  यह घातक कदम उठाया। इस बात की पुष्टि करते हुए आरोपियों ने भी अपने अपराध का इकरार किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह हत्या किसी व्यक्तिगत कारण के चलते की गई थी।

मृतकों के शव की हुई पहचान

पुलिस को शुक्रवार रात लगभग 10:15 बजे पनखेड़ा गांव के बाहर दो शव मिलने की सूचना मिली थी। घटनास्थल पर पहुंचने पर, पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि दोनों शवों की गला रेतने के कारण हत्या की गई थी। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी)-पश्चिम, विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि मृतकों के शवों की पहचान मनोज (25) और रोहित (26) के रूप में हुई है। दोनों युवक पनखेड़ा गांव के निवासी थे और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।

गांव में पुलिस बल की तैनाती

घटना स्थल से शव मिलने के बाद,पुलिस ने गांव में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। पुलिस का कहना है कि यह डबल मर्डर न केवल गंभीर है बल्कि यह समाज में व्याप्त असामाजिक तत्वों की गतिविधियों को भी दर्शाता है। 

इस तरह की घटनाएँ समाज में भय और अशांति पैदा करती हैं,और पुलिस प्रशासन ने इस मामले को गम्भीरता से लिया है। इस डबल मर्डर की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है, ताकि इस प्रकार की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके। 

स्थानीय लोगों में भी इस हत्या को लेकर गहरी चिंता का माहौल है। गांव वालों का कहना है कि उन्हें ऐसी अनहोनी की उम्मीद नहीं थी,और अब वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। गांव में पुलिस की उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्थानीय इकाइयों द्वारा सामाजिक जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि आगे चलकर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।