यूपी में रेणुका कुमार, जूथिका पाटणकर, विकास गोठलवाल के बाद एक और आईएएस ने लगायी नौकरी छोड़ने की अर्जी

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वजह बना है एक और आईएएस का वीआरएस का मांगना। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

एक और IAS ने लगायी वीआरएस की अर्जी (सांकेतिक फोटो)
एक और IAS ने लगायी वीआरएस की अर्जी (सांकेतिक फोटो)


नई दिल्ली: रेणुका कुमार, जूथिका पाटणकर, विकास गोठलवाल के वीआरएस की चर्चा के बीच एक और खबर उत्तर प्रदेश से आ रही है। 2008 बैच के आईएएस अफसर विद्या भूषण ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी है। फिलहाल इस वक्त वे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी के पद पर तैनात हैं। विद्या भूषण की पत्नी अलंकृता सिंह आईपीएस अधिकारी है। 

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रेणुका कुमार, जूथिका पाटणकर, विकास गोठलवाल ने भले वीआरएस मांग लिया हो लेकिन अभी तक राज्य सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी है। नियम-कानून का हवाला दे अनापत्ति प्रमाण पत्र विभिन्न विभागों से मांगे गये है, साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि क्या कोई विजिलेंस केस भी लंबित है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है सरकार जान-बूझकर स्वीकृति को लटकाना चाहती है ताकि वीआरएस मांगने वालों में कमी आये।

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इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है कि आखिर क्या कारण है कि एक के बाद एक आईएएस क्यों सरकारी नौकरी छोड़ रहे हैं। वीआरएस मांगने वाली रेणुका कुमार 1987 बैच की वरिष्ठ आईएएस हैं तो जूथिका पाटणकर 1988 बैच की। विकास गोठलवाल 2003 बैच के आईएएस हैं। 

इनके अलावा 1993 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के सीनियर आईएएस राजीव अग्रवाल ने भी कुछ समय पहले वीआरएस ले लिया था और इन्होंने कारपोरेट कंपनी को ज्वाइन किया। लोगों के बीच यह भी चर्चा है कि नौकरशाही के कामकाज में बढ़ती दखलंदाजी भी वीआरएस के बढ़ते केसों के पीछे एक बड़ी वजह है।










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