DN Exclusive: 15 घंटे लेट खुली कैफियत एक्सप्रेस, यात्री बोले- शिकायतें बहुत..कहें किससे, गुस्सा उतारें किस पर

डीएन संवाददाता

देश में बुलेट ट्रेन और घर-घर में शौचालय बनाने में जुटी सरकार के लिये पैसेंजर ट्रेनों को समय पर चलाने की बड़ी चुनौती से जूझना पड़ रहा है। ऐसी कई रेलगाड़ियां हैं, जो अपने तय समय से 10-15 घंटे देरी से चल रही है। ट्रेनों की इस तेटलतीफी से रेलवे का कायाकल्प करने के दावे करने वाली सरकार से जनता का भरोसा भी टूटता जा रहा है। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..



नई दिल्ली: रेल यात्रियों को इस समय ट्रेनों की तेटलतीफी के कारण भारी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। गर्मियों की छुट्टियों के चलते बच्चों और परिवार के साथ सैर-सपाटे पर निकले मुसाफिरों के समय का अधिक हिस्सा ट्रेनों के इंतजार में खत्म हो जा रहा है। कई रेलवे प्लेटफॉर्मों पर शौचालय जैसी बुनियादी सुविधायें तक न होने के कारण रेलवे के कायाकल्प करने के दावे करने के सरकारी दावे झूठे प्रतीत हो रहे हैं। 

 

 

कब आयेगी ट्रेन मुसाफिरों को नहीं पता

डाइनामाइट न्यूज़ से ट्रनों की लेटलतीफी की शिकायत का जब जायजा लिया तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। सबसे हैरान करने वाली बात यह भी रही कि घंटों तक ट्रेन का इंतजार करने वाले पैसेंजरों को रेलवे द्वारा इस बात की जानकारी तक नहीं दी गयी कि आखिर उनकी ट्रेन आयेगी कब? इसके अलावा ट्रेन का इंतजार करने वाले मुसाफिरों को रेलवे स्टेशन पर शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा तक मुहैय्या नहीं है।

 

 

शाम 7:15 बजे की ट्रेन अगली सुबह 9 बजे चलेगी 

मशहूर शायर कैफी आजमी के नाम पर पुरानी दिल्ली से आजमगढ़ के लिये चलने वाली कैफियात एक्सप्रेस शाम 7:15 बजे गतंव्य के लिये रवाना होती है। इस ट्रेन को पकड़ने वाले पैसेंजर कंफर्म टिकट लिये 11 जून को नियत समय पर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंच गये थे। इस ट्रेन को प्लटेफॉर्म नंबर 16 से चलना था, जिस पर सभी यात्री पहुंच चुके थे। काफी इंतजार के बाद यात्रियों को बताया गया कि उनकी ट्रेन अब अगली सुबह यानि 12 जून को सुबह 9:00 बजे यहां से रवाना होगी। 

 

 

शौचालय तक की बुनियादी व्यवस्था उपलब्ध नहीं

गर्मियों की छुट्टियां होने के कारण अधिकतर यात्री अपने बच्चों और परिवार के साथ सैर-सपाटा कर रहे हैं। जिस कारण ट्रैनों में काफी भीड़-भाड़ है। 11 जून को कैफियात एक्सप्रेस के कैंसल हो जाने के कारण प्लटेफॉर्म नंबर-16 यात्रियों से खचाखच भरा हुआ है। इस भीड़ में बड़ी संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल है। पहले से परेशान यात्रियों को तब औऱ बड़ा झटका लगा जब प्लटेफॉर्म नंबर-16 उनको शौचालय तक की बुनियादी व्यवस्था उपलब्ध न हो सकी। रात भर पैसेंजर शौचालय के लिये इधर-उधर भागते नजर आये। 

प्लेटफॉर्म पर ट्रेन के इंतजार में मौजूद यात्री

 

गुस्सा सातवें आसमान पर लेकिन सभी विवश

कैफियत एक्सप्रेस के मुसाफिरों जैसे-तैसे पूरी रात प्लेटफॉर्म पर गुजारी। सुबह होने पर उम्मीद जगी कि थोड़ी देर बाद सुबह 9:00 बजे उनकी ट्रेन आयेगी। लेकिन घड़ी में पूरे 9 बजते ही उनकी यह उम्मीद भी धरी की धरी रह गयी। सुबह 9:30 बजे तक भी ट्रेन का कोई अता-पता नहीं था। ऊपर से रेल विभाग मुसाफिरों को ट्रैन से संबंधित कोई सही सूचना तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा था। ट्रेन लगभग 15 घंटे बाद सुबह 10 बजे प्लेटफॉर्म पर पहुंची। सभी पैसेंजरों का गुस्सा सातवें आसमान पर था लेकिन मजबूर हालातों के चलते सभी यात्री ट्रेन में चढ़ रहे थे और अपनी-अपनी सीट तलाश कर रहे थे। 

ट्रेन में भरे-पूरे परिवार के साथ आजमगढ़ जा रहे एक यात्री ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा- शिकायतें बहुत सारी है, पर कहें किससे? गुस्सा भी बहुत है, लेकिन उतारें किस पर? 
 










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