जानिये क्या हुआ, जब SEX स्कैंडल में फंसे थे एनडी तिवारी.. हुआ था DNA टेस्ट
उत्तर प्रदेश के तीन बार और उत्तराखंड के एक बार मुख्यमंत्री रह चुके नारायाण दत्त तिवारी का वीरवार को 93 वर्ष की उम्र में दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में निधन हो गया है। वह कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। राजनीतिक जीवन के उलट उनका पारिवारिक जीवन काफी विवादास्पद रहा था। तिवारी के निजी जीवन से जुड़ी डाइनामाइट न्यूज़ की पढ़ें विशेष रिपोर्ट
नई दिल्लीः उत्तराखंड के नैनीताल जिले के बलूती गांव में 1925 में जन्मे नारायाण दत्त तिवारी जनता के लिये एक ऐसी आवाज बनकर उभरे थे, जिससे उनके राजनीतिक करियर को चार चांद लग गये थे। तिवारी ने आजादी की लड़ाई में अपना भरपूर योगदान दिया था अंग्रेजों से बगावत करने पर उन्हें 15 महीने तक नैनीताल जेल में बंद किया गया था और 1944 में जेल से रिहा किये गये थे। लेकिन बार विवादों से भी उनका जबरदस्त मुकाबला हुआ।
आजादी के बाद से ही उनका कांग्रेस से नाता जुड़ गया था और वे दिग्गज कांग्रेसी नेताओं में गिने जाते थे। नारायण दत्त तिवारी 3 बार उत्तर प्रदेश और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। यहीं नहीं तिवारी ने केंद्र में कई बार कैबिनेट मंत्री भी रहा चुके हैं। जीवन के नौ दशक पूरे कर चुके नारायण दत्त तिवारी ने नये राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।
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जिस उम्र में आमतौर पर लोग राजनीति से संन्यास लेते हैं, उस उम्र में नारायण दत्त तिवारी ने बेटे रोहित शेखर शर्मा के साथ इसी साल बीजेपी ज्वाइन की थी। आज ही के दिन वीरवार को अपने जन्मदिन पर नारायण दत्त तिवारी ने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद दम तोड़ दिया। इतना सबकुछ होने के बाद भी एनडी तिवारी का निजी जीवन काफी विवादों से घिरा रहा। न सिर्फ अपने बेटे को लेकर बल्कि खुद पर लगे सेक्स स्कैंडल को लेकर भी उनकी छवि धूमिल हुई थी।
तिवारी के करियर पर कब लगा था सबसे बड़ा दाग
1. वरिष्ठ कांग्रेसियों में गिने जाने वाले दिग्गज नेता एनडी तिवारी तब विवादों में आ गये थे जब रोहित शेखर नामक एक युवक ने तिवारी को अपना जैविक पिता बताया था। यह विवाद कोर्ट में गया था जिसके बाद राजनीतिक गलियारे में एनडी तिवारी का एक ऐसा चेहरा उजागर उसे जिसे आज तक किसी ने नहीं देखा था।
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2. रोहित शेखर ने एनडी तिवारी पर मुकदमा भी किया था जिसके बाद उनकी डीएनए जांच की गई थी जिसमें यह रोहित का दावा सही पाया गया और एनडी तिवारी ही उनके पिता निकले थे।
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3. पितृत्व विवाद में अदालती दांव-पेंच में उलझे एनडी तिवारी ने डीएन टेस्ट के बाद रोहित शेखर को अपना पुत्र स्वीकार किया था और उनकी मां उज्ज्वला से विवाह भी किया था।
4. एनडी तिवारी नहीं चाहते थे कि उनकी डीएनए टेस्ट रिपोर्ट सार्वजनिक की जाये इसके लिए उन्होंने अदालत से इसे गोपनिय रखने के लिए याचिका भी डाली थी लेकिन अदालत ने इसके खारिज कर दिया था।
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5. एनडी तिवारी ने पत्नी उज्ज्वला तिवारी और पुत्र रोहित शेखर तिवारी के नाम अपनी वसीयत घोषित की थी और पुत्र रोहित को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था।
6. पहले कांग्रेस और 91 वर्ष की उम्र में राजनीतिक संन्यास की जगह बीजेपी में शामिल होने वाले एनडी तिवारी तब तक बहुतों को राजनीति का पाठ पढ़ा चुके थे लेकिन इस उम्र में नारायण दत्त तिवारी को तब खुद राजनीति का शिकार होना पड़ा था जब उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उनके बेटे रोहित शेखर को टिकट नहीं दी। और रोहित के लिये हाथ को छोड़ कमल में शामिल हुए एनडी तिवारी को तब बड़ा झटका लगा था।
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7. एनडी तिवारी अपनी रंगीनियों को लेकर भी विवादों में घिरे थे। उन पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के पद पर रहते हुए एक तेलुगू समाचार चैनल ने एक घंटे तक ऐसी तस्वीरें और वीडियो प्रसारित की थी जिसमें 85 वर्षीय तिवारी जैसे दिखने वाले एक शख्स को तीन युवतियों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था। एनडी तिवारी पर तब सेक्स स्कैंडल के भी आरोप लगे थे जिसके बाद इतने वृद्ध होने पर इस तरह के आरोप लगने से उन्होंने जो सम्मान पाया था वह झटके में धुल गया।
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8. तब एनडी तिवारी के खिलाफ कई महिला संगठनों ने नारेबाजी भी की थी और उनसे अपने पद से इस्तीफा देने की भी मांग की थी। विवाद को बड़ता देख एनडी तिवारी बाद में हालांकि माफी मांगी थी और यह भी कहा था उनके खिलाफ दिखाया गया यह वीडियो एक साजिश है। सेक्स स्कैंडल के बाद मीडिया में सुर्खियां बटोरने और महिला संगठनों के एक सुर में न्याय की मांग को बढ़ता देख एनडी तिवारी ने राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था।