सांसद कथा 1: खबर से बौखलाये पंकज चौधरी, गुर्गों को किया आगे, फर्जी मुकदमा दर्ज करा जेल में डलवाने का रचा कुचक्र
एक तरफ देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में 24 घंटे देश और प्रदेश की जनता की सेवा करने में जुटे हैं। कर्मयोगी मुख्यमंत्री अपने पिता के अंतिम संस्कार तक में न जाकर अपने राज धर्म का पालन करने में जुटे हैं तो वहीं सांसद पंकज चौधरी की अजब लीला है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
महराजगंज: सांसद पंकज चौधरी अपने शीर्ष नेताओं की लाख अपील के बावजूद लॉकडाउन में फंसे होने के बहाने जनता से हजार किलोमीटर दूर नई दिल्ली के अपने आलीशान बंगले में आराम फरमा रहे हैं। लॉकडाउन में जिले की गरीब जनता तरह-तरह की परेशानियों से दो-चार है। जिले के प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों में फंस अपने घर आने को तड़प रहे हैं लेकिन सांसद जरुरत के समय खेवनहार बनने की बजाय मदद के दिखावे में जुटे हैं।
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कभी प्रेस विज्ञप्तियां छपवा तो कभी सोशल मीडिया में अपने वीडियो जारी कर खानापूर्ति कर रहे हैं। शुरुआत में मात्र 25 लाख का सहयोग कोरोना फंड में करने वाले सांसद की नींद राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश के बाद टूटी और जनता के दम पर मिली सांसद निधि से एक करोड़ का पत्र कोरोना फंड में सहयोग के लिए सौंपा।
इन सबका गुणगान व एहसान जनता पर ये ऐसे लाद रहे हैं जैसे धरती पर इनके जैसा कर्तव्यनिष्ठ कोई और है ही नहीं। लॉकडाउन में ये कितने गंभीर हैं इसकी पोल तब खुली जब इन्होंने सोशल मीडिया के अपने वैरिफाइड अकाउंट से महराजगंज जिले को ग्रीन जोन घोषित कर डाला जबकि जिला औरेंज जोन में है। जनता में हुई किरकिरी के बाद इन्हें अपनी भयानक गलती का एहसास हुआ और अपने पोस्ट को डिलीट किया।
लॉकडाउन में जनता 40 दिनों से इनकी करतूतें देख-देखकर ऊब गयी और तरह-तरह से अपनी नाराजगी जताने लगी।
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इसके बाद जब देश के लोकप्रिय राष्ट्रीय न्यूज़ पोर्टल डाइनामाइट न्यूज़ ने लोकतांत्रिक तरीके से अपने पत्रकारिता के धर्म का निर्वहन करते हुए इसकी हकीकत जानने के लिए जनता के बीच 2 से तीन मई के मध्य ऑनलाइन सर्वे “क्या आपको लगता है सांसद पंकज चौधरी ने लॉकडाउन में अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभायी है?” कराया तो नतीजे दांतों तले अंगुली दबाने वाले निकले। 83 फीसदी लोगों ने सांसद के क्षेत्र को छोड़ दिल्ली रहने पर हैरानी जतायी और इनके खिलाफ अपनी राय जाहिर की, मात्र 17 फीसदी लोग ही इनसे संतुष्ट दिखे। 24 घंटे के इस पोल में कुल 3238 लोगों ने अपनी राय जाहिर की। इसमें से 2700 लोग सांसद के खिलाफ अपनी राय दी तो मात्र 538 लोगों ने इनके पक्ष में।
जब इसकी खबर “83 प्रतिशत लोगों का मत, लॉकडाउन में सांसद पंकज चौधरी ने नहीं निभाया अपना कर्तव्य” डाइनामाइट न्यूज़ पर प्रकाशित हुई तो सांसद ने बौखलाहट में अपने दो दर्जन गुर्गों को आगे कर डाला कि ये लोग किसी भी तरह निष्पक्ष पत्रकारिता करने वाले डाइनामाइट न्यूज़ के पत्रकारों के मनोबल को कुचल डालें ताकि भविष्य में सांसद के कारनामों पर कोई खबर लिखने का साहस न कर सकें।
अपनी पोल खुलने से घबराये सांसद ने सत्ता के अहंकार में चूर होकर अपने गुर्गों के सहारे डाइनामाइट न्यूज़ के साहसी पत्रकारों को तरह-तरह से धमकाना शुरु करवा दिया। सांसद का मकसद है किसी भी तरह डाइनामाइट न्यूज़ के पत्रकारों को फर्जी मुकदमे में फंसाओं और जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन पर दबाव डाल मैं इन्हें जेल भिजवाऊंगा ताकि ये दोबारा साहस न कर सकें सच लिखने का।
पंकज की खबर प्रकाशित होने के बाद से इनके गुर्गे लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से डाइनामाइट न्यूज़ के साहसी पत्रकारों व इनके परिजनों के बारे में अभद्र टिप्पणियां करते हुए जान से उड़ाने की धमकी दे रहे हैं। (देखें स्क्रीनशॉट्स)
सांसद का इशारा पाने के बाद डाइनामाइट न्यूज़ के पत्रकारों के खिलाफ सोशल मीडिया में इनके गुर्गे लगातार आग उगल रहे हैं कि वे मौका देख पत्रकारों और इनके परिजनों पर टूट पड़ेंगे।
पंकज के इन गुर्गों की टोली देख आप दांतों तल अंगुली दबा लेंगे। महराजगंज जिले के सर्वाधिक चर्चित युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल का हत्यारा लगातार डाइनामाइट न्यूज़ के पत्रकारों को सबक सिखाने की खुलेआम धमकी दे रहा है। सांसद ने जिन लोगों से सोशल मीडिया पर अपने पक्ष में टिप्पणी करायी है उनमें से अधिकांश अपराधी हैं। ये गैंगेस्टर, हिस्ट्रीशीटर, गुंडा एक्ट, जिला बदर, बलात्कारी होने के साथ-साथ कई बार जरायम की दुनिया में अपने सनसनीखेज कारनामों के चलते जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंच चुके हैं। इन गुर्गों में शराब व्यवसायी से लेकर ठेकेदार और कोटेदार तक शामिल हैं।
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सवाल यह कि कब जिले का एलआईयू महकमा, पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन जागेगा? क्या जिले का प्रशासनिक महकमा सत्ताधारी सांसद के गहरे दबाव में है? क्या जिला प्रशासन को डाइनामाइट न्यूज़ के बेखौफ और साहसी पत्रकारों और उनके परिजनों पर किसी सुनियोजित हमले का इंतजार है?
स्थानीय चर्चाओं के मुताबिक पंकज चौधरी ने जिला पंचायत से लेकर सांसद विकास निधि के अपने करोड़ो-अरबों रुपये के ठेकेदारी में समय-समय पर उठने वाले भ्रष्टाचार की आवाज को कुचलने का काम किया है। कुछ समय पहले ही पंकज के द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाये गये प्रभु दयाल चौहान ने जिला पंचायत के 13 करोड़ रुपये के टेंडर घोटाले में भयानक धांधली और सरकारी धन को लूटने का आरोप पंकज चौधरी पर लगाया था। 13 करोड़ के ठेके में से 9 करोड़ का ठेका पंकज अपने एक चहेते ठेकेदार को देना चाहते थे और मात्र 4 करोड़ का ठेका सभी जिला पंचायत सदस्यों को देना चाहते थे। इससे भी भयानक भ्रष्टाचार की बात तो यह कि जिन जगहों पर काम बहुत पहले होकर भुगतान हो चुके थे, उन्हीं जगहों पर दुबारा फर्जी काम दिखा फर्जी तरीके से धन निकालने की गहरी साजिश रची गयी थी। इसकी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर विस्तार से प्रकाशित हुई थी।
इसके बाद बौखलाहट में पंकज ने प्रभु दयाल के रिश्तेदारों को फर्जी मुकदमों में फंसा कर जेल में डलवा दिया और प्रभु दयाल को 376 के फर्जी केस में फंसाने की धमकी देकर चुप करा 13 करोड़ के टेंडर का यह महाघोटाला दबवा डाला।
देखें: जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान का वीडियो
चापलूसों से घिरकर जिला पंचायत औऱ अपने सांसद विकास निधि के करोड़ों-अरबों के भ्रष्टाचार के जिस पहाड़ पर पंकज बैठ अपना साम्राज्य चला रहे हैं, लगता है वहां से इन्होंने अपने आप को सर्वशक्तिमान होने का मुगालता पाल लिया है। देखना दिलचस्प होगा पंकज का यह अहंकार उनको कहां ले जाकर छोड़ता है।