Manipur Violence: इंफाल जिले के गांवों में फिर बंदूकधारियों ने की गोलीबारी, जानें ताजा अपडेट

डीएन ब्यूरो

मणिपुर के पूर्वी इंफाल जिले में हथियारबंद लोगों के एक समूह ने शुक्रवार दोपहर को याइनगांगपोकपी (वाईकेपीआई) गांव के रास्ते पहाड़ी इलाकों में घुसपैठ की और स्वचालित हथियारों से उरंगपत और ग्वालताबी गांवों में गोलीबारी की। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


इंफाल: मणिपुर के पूर्वी इंफाल जिले में हथियारबंद लोगों के एक समूह ने शुक्रवार दोपहर को याइनगांगपोकपी (वाईकेपीआई) गांव के रास्ते पहाड़ी इलाकों में घुसपैठ की और स्वचालित हथियारों से उरंगपत और ग्वालताबी गांवों में गोलीबारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों की टुकड़ियों को तत्काल इन ‘खाली’ गांवों में तैनात किया गया और पूरे एहतियात के साथ उन्होंने जवाबी कार्रवाई की, ताकि किसी नुकसान से बचा जा सके।

उन्होंने बताया, हालांकि वाईकेपीआई और सेईजांग की महिलाएं इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही को रोक रही थी।

उन्होंने बताया कि यह घटना पश्चिमी इंफाल जिले के उत्तरी बोलजांग में बृहस्पतिवार की सुबह अज्ञात हमलावरों द्वारा की गई गोलीबारी और दो सैनिकों के घायल होने के एक दिन बाद हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने एक इंसास लाइट मशीनगन और एक इंसास राइफल बरामद की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यूकेपीआई के उत्तर स्थित उरंगपत में बुधवार शाम पांच बजकर करीब 45 मिनट पर स्वचालित छोटे हथियारों से गोलीबारी की भी आवाज सुनी गई थी।

गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों में हुए जातीय संघर्ष में अबतक 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है।

मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई हैं।

मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी 53 प्रतिशत है, जिनमें से ज्यादातर इंफाल घाटी में रहती है, वहीं नगा और कुकी जनजातियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है और ये ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।










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