स्कूल की एक पूर्व शिक्षिका, पूर्व प्रधानाध्यापिका और लिपिक पर जालसाजी का मुकदमा, जानिये क्या है अपराध

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कथित फर्जी दस्तावेज सौंपने को लेकर एक निजी स्कूल की एक पूर्व शिक्षिका, पूर्व प्रधानाध्यापिका और एक लिपिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

फाइल फोटो
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ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कथित फर्जी दस्तावेज सौंपने को लेकर एक निजी स्कूल की एक पूर्व शिक्षिका, पूर्व प्रधानाध्यापिका और एक लिपिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह शिक्षिका 1994 में कल्याण क्षेत्र के इस स्कूल में एक सहयोगी शिक्षक के रूप में नियुक्त हुई थीं और उस समय संस्थान को उसने आवश्यक प्रमाणपत्र जमा कराए थे।

कोलसेवाड़ी पुलिस थाने के एक अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि स्कूल प्रबंधन के कुछ सदस्यों को शिक्षिका की योग्यता पर संदेह था, इसलिए उसने उसके सेवा रिकॉर्ड मांगे, परंतु स्कूल की प्रधानाध्यापिका और एक लिपिक की ओर से शिक्षिका की सेवानिवृत्ति तक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया।अब शिक्षिका 58 साल की है।

अधिकारी ने बताया कि बाद में जब प्रबंधन ने शिक्षिका द्वारा नियुक्ति के समय जमा कराए गए प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया तो वे फर्जी पाए गए।

पुलिस ने बताया कि स्कूल प्रबंधन की शिकायत के बाद शनिवार को पूर्व शिक्षिका, पूर्व प्रधानाध्यापिका और क्लर्क के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 468 ( धोखा देने के मकसद से फर्जीवाड़ा), 34 (साझी मंशा से कई लोगों द्वारा मिलकर की गयी आपराधिक हरकत) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस ने बताया कि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।










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