महराजगंजः श्रीराम महायज्ञ में सुनाई गई कृष्ण-सुदामा की ये कथा, श्रद्धालु हुए भाव विभोर

डीएन संवाददाता

महराजगंज के विकास खण्ड धानी अन्तर्गत ग्राम सिकन्दरा जीतपुर में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ का आज समापन किया गया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

श्रीराम महायज्ञ का समापन
श्रीराम महायज्ञ का समापन


धानी बाजार (महराजगंज): महराजगंज के विकास खण्ड धानी अन्तर्गत ग्राम सिकन्दरा जीतपुर में विधि विधान से नौ दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के समापन शनिवार को हो गया।

कथावाचक आचार्य सन्तोष शुक्ल ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा के मित्रता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता इतनी अच्छी थी कि दोनों के बीच की मित्रता में अमीरी और गरीबी कभी बाधा नहीं बनी बल्कि गुरुकुल में दोनों लोगों का साथ-साथ रहना, शिक्षा प्राप्त करना जारी था।

उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के बाद श्रीकृष्ण अपने अन्य कार्यों में व्यस्त हो गए और उधर सुदामा अपने जीवन में व्यस्त हो गए। वर्षों बाद जब सुदामा भगवान श्रीकृष्ण के महल में सहयोग के लिए पहुंचे और जैसे ही सुदामा का नाम श्रीकृष्ण ने सुना भगवान दौड़ते हुए सुदामा के पास पहुंचकर गले लगा लिए और सम्समान महल में लेकर आए। अपने आंसुओं से सुदामा के पैर धोए।

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कथावाचक आचार्य सन्तोष शुक्ल ने भक्तों से कहा कि मित्रता ऐसी ही होनी चाहिए लेकिन लोग ऐसा नहीं सोचते हैं। जब कभी मित्रता में ऊंच-नीच, छोटा-बड़ा का भेद आए तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा के मित्रता को याद कर लें। 

बोले पूर्व विधायक 
कार्यक्रम के समापन के अवसर पर पूर्व विधायक बजरंग बहादुर सिंह पहुंचकर उपस्थित श्रद्धालुओं  को सम्बोधित करते हुए कहा कि यज्ञ और प्रवचन से ही समाज स्वच्छ और सुन्दर होता है। ऊर्जा मिलती है, परिवार में संस्कार मिलता है।

वातावरण स्वच्छ होता है। लेकिन यज्ञ और प्रवचन में जो लोग भी सहभागिता करते हैं, उनके लिए यह भी आवश्यक होता है कि वह इस कथा से कुछ सीखें और अपने जीवन में अमल करें। 

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कई गणमान्य रहे मौजूद 
उक्त अवसर पर यज्ञ के आयोजक महंथ मुरलीधर दास, ब्लॉक प्रमुख योगेन्द्र नाथ त्रिपाठी, कन्हैया त्रिपाठी, उमेश त्रिपाठी, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, शैलेश पाण्डेय, शिवानन्द त्रिपाठी, शैलेश त्रिपाठी, शिवात्मा तिवारी, राजकपूर तिवारी, नितेश मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।










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