महराजगंज: फरेंदा में विपक्ष का विधायक जीता तो क्या नहीं होगा जनता के हित का कोई काम?

डीएन ब्यूरो

क्या महराजगंज जनपद के फरेंदा में विपक्षी दल का विधायक होने के कारण वहाँ विकास कार्यों की गति को धीमा कर दिया गया है। यह सवाल आम जनता पूछ रही है। डाइनामाइट न्यूज़ की खोजी रिपोर्ट

हर साल बाढ़ से जूझते हैं लोग (फाइल)
हर साल बाढ़ से जूझते हैं लोग (फाइल)


फरेन्दा (महराजगंज): जनपद में जब-जब बरसात आती है, तब-तब समूचे जनपद में नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने से नदिया उफान पर आ जाती हैं और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह फरेंदा में भी रोहिन और राप्ती जैसी कुछ नदियां बहती है, जो हर साल बाढ़ की तबाही लेकर आती हैं। इन नदियों के किनारे जो गाँव बसे है, अगली बरसात में भी उन पर खतरा बना रहने का पूरा अंदेशा रहता है क्योंकि इस क्षेत्र में बाढ़ की तबाही को रोकने के लिये बनी तीन परियोजनाओं को स्वीकृति नहीं मिल सकी है।

डाइनामाइट न्यूज़ को सूत्रों ने बताया कि फरेंदा में विपक्षी पार्टी का विधायक होने के कारण सिंचाई विभाग की परियोजनाओं और बजट में भारी कमी की गई है।

फरेंदा की नदियों पर बाढ़ से बचाव की परियोजना की 3 फाइलों को हरी झंडी नही मिल सकी है। दो महीने की कड़ी मेहनत से बनी रोहिन नदी की 2 और राप्ती नदी की 1 फ़ाइल हर जगह से तो पास हुई लेकिन तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक में पास न हो सकी। इन तीनों फाइलों को बैरंग वापस लौटा दिया गया है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि फरेंदा में विपक्षी यानी कांग्रेस का विधायक है।

दोहरी नीति का शिकार बना फरेंदा विधानसभा

अधिकारियों की इस दोहरी नीति का शिकार कोई और नही उन नदियों के किनारे बसने वाले सैकड़ों ग्रामीण हैं जिनको बरसात के समय भारी मुश्किलों से जूझना पड़ता है। जब नदियां यहां उफान पर होती है तो इन लोगों पर बाढ़ का ख़तरा मंडराता रहता है।

विधायक का बयान

इस संबंध में डाइनमाइट न्यूज़ को फरेंदा से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि यहां सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा विकास में रोड़ा लगाया जा रहा है। वे सिचाई मंत्री और विभाग के वरिष्ठ अफसरों से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे और कोशिश करेंगे कि बाढ़ से बचाव के लिये तीनों परियोजनाएं पास हो जाये।










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