महराजगंज की बड़ी खबर: लगातार बारिश से महाव नाला खतरे के निशान से ऊपर, जर्जर बांध टूटने के कगार पर, भगवान भरोसे किसान

डीएन संवाददाता

महराजगंज समेत उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में दो दिन से भारी बारिश का कहर है। लगातार बारिश के कारण महराजगंज में महाव नाला खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा है, जिस कारण जर्जर बांध भी संकट में है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

महाव नाला खतरे के निशान के ऊपर (फाइल फोटो)
महाव नाला खतरे के निशान के ऊपर (फाइल फोटो)


महराजगंज: जनपद में बुधवार से हो रही लगातार बारिश के कारण जन-जीन जहां अस्त-व्यस्त हो चला है वहीं अब महाव नाला का जलस्तर खतरे भी खतरे के निशान तक पहुंच गया। बरगदवा व परसा मलिक क्षेत्र में कुछ महीनों पहले तबाही मचाने वाला महाव नाले के भयावह रूप को देखकर इसके समीप बसे दर्जनों गांवों के किसान जर्जर बांध टूटने की आशंका से सहम गए हैं। सरकार अव्यस्थाओं के कारण भारी बारिश के बीच कई लोग भगवान भरोसे है।

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डाइनामनाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में हो रही झमाझम बारिश से महाव नाला गुरूवार सुबह खतरे के निशान से ऊपर बहने लगा। नाले के भयावह रूप को देखकर इसके समीप बसे दर्जन भर गांवों के किसान बांध टूटने की आशंका से सहम गए हैं। अभी कुछ ही महीनों पहले ही करोड़ों रुपयों की लागत से तटबंधों की मरम्मत और सिल्ट सफाई की गई लेकिन इसका यहां ज्यादा फायदा नहीं दिखाई दे रहा है।

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नाले के खतरे के निशान से ऊपर बहने से दर्जनों की संख्या में किसान तटबंध के किनारे अपने खेत में रोपे गए फसल को निहारने लगे। उनके यह डर सता रहा है कि फसल कटने के कगार पर पहुँच गया है लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी रोपी गई फसल बाढ़ के पानी से बर्बाद न हो जाए। यदि ऐसा होता है के यहां भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। 

बृहस्पतिवार की सुबह जैसे ही महाव नाले ने खतरे के निशान को पार किया तो किसानों के होश उड़ गए। नाले में पानी का दबाव देख ग्रामीण सतर्क हो गए हैं। किसानों को लगा कि नाला फिर कहीं न कहीं बांध को तोड़कर एक बार फिर क्षेत्र में तबाही मचाएगा। 

बता दें कि कुछ महीने पहले ही महाव नाला अपने तटबंध को तोड़ते हुए क्षेत्र के देवघट्टी गाव के सामने 30 मीटर टूट था और एक महीने तक लगातार पानी बहता रहा। जिला प्रशासन के संज्ञान लेने के बाद मनरेगा द्वारा बॉस-बल्ली बोरियों में गिट्टी डाल कर कटान स्थल को भरा गया जिसमे लगभग 5 लाख की लागत लगी थी। जिससे क्षेत्र क हरपुर, हरखपुर, नारायणपुर, बेलहिया, अमहवा और सेमरहना गांवों में तबाही मचाया था।










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