भारत से धार्मिक प्रचार के लिये नेपाल जाना पड़ा महंगा, हिंदू संगठनों ने सिखाया कठोर सबक
महराजगंज जनपद के ठूठीबारी कस्बे से सटे नेपाल के महेशपुर बस पार्क में दो नेपाली नंबर प्लेट की बस में भरकर भारत से गए करीब सौ की संख्या में ईसाई धर्म प्रचारकों को नेपाल जाना महंगा पड़ गया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
महेशपुर (नेपाल): भारत से नेपाल जाकर धर्म प्रचार करना कुछ लोगों को काफी महंगा पड़ गया। प्रचारकों को जनता जमकर सबक सिखाया। कथित तौर पर धर्म प्रचार के लिये पहुंचे लोगों को नेपाल से खदेड़ दिया गया। पुलिस-प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद के ठूठीबारी कस्बे से सटे नेपाल के महेशपुर बस पार्क में दो नेपाली बसों में सवार होकर भारत से करीब सौ लोग वहां कथित तौर पर ईसाई धर्म प्रचार के लिये पहुंचे थे। लेकिन इसकी भनक लगते ही नेपाल इस इन लोगों को खदेड़ दिया गया। इस दौरान दोनों पक्षों में टकराव की बातें भी सामने आ रही है।
पुलिस अधिकरियों ने डाइनामाइट न्यूज़ की इस खबर का संज्ञान लिया है और मामले की जांच की बात कही है।
प्रचार के लिये पहुंचे लोगों को नेपाल के कट्टर हिंदूवादी संगठनों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। प्रचारकों को सीमा प्रहरी चौकी महेशपुर की टीम द्वारा दोनों बसों के साथ चौकी पर लाया गया। जहां सभी का नाम, पता नोट करने के बाद उनको वापस ठूठीबारी की तरफ भेज दिया गया।
यह भी पढ़ें |
Maharajganj: महराजगंज से अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल को जोड़ने वाली सड़क ध्वस्त, आवागमन बंद, जानिये वजह
डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक इस दौरान हिंदूवादी संगठन के सैकड़ों महिला-पुरुषों ने नो मैन्स लैंड के समीप सभी को कतार में खड़ा कर मुंह में कालिख पोतकर ठूठीबारी की तरफ भेज दिया।कालिख लगाने को लेकर दोनो पक्षों में हल्की झड़प भी हुई।
इस दौरान हिंदूवादी संगठन के लोग जय श्री राम का नारा लगाते रहे। नेपाल के धार्मिक संगठनों में विश्व हिंदू परिषद नेपाल, सीमा जागरण मंच व बजरंग दल के लोग शामिल रहे। विश्व हिंदू संगठन नेपाल के लोगों ने बताया कि शनिवार को नौ बजे भारत से एक दो करके करीब सौ संख्या में महिला-पुरुष के साथ कुछ छोटे बच्चों का जमावड़ा महेशपुर के बस पार्क में शुरू हो गया था। उस समय लोगों ने समझा कि कहीं जाने वाले यात्री होंगे।
बाद में पता चला कि उनके द्वारा दो बड़ी नेपाली बस को रिजर्व किया गया है। जब सभी बसों में बैठने लगे। उसी समय किसी ने बताया कि सभी भारत के गांव से आए हैं, जो हिंदू धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिए है। सभी नेपाल के सीमावर्ती गांव में ईसाई धर्म का प्रचार करने जा रहे हैं।
जय श्री राम के नारे
यह भी पढ़ें |
महराजगंजः फर्जी कस्टम कागजात बनाकर नेपाल भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 4 दबोचे गए
जैसे ही घटना की जानकारी हिंदू संगठन के लोगों को हुई तो सैकड़ों हिंदूवादी कार्यकर्ता इकट्ठे हो गए और जयश्री राम का नारा लगाने लगे। घटना की जानकारी पर पहुंची महेशपुर सीमा प्रहरी द्वारा सभी धर्म प्रचारकों को प्रहरी कैंपस में लाकर उनका नाम, पता नोट कर वापस ठूठीबारी भारतीय सीमा में भेज दिया गया।
भारत के इस गांव के लोग थे शामिल
जानकारी के मुताबिक नेपाल में ईसाई धर्म के प्रचार करने जाने वाले के भारतीय गांव बंदी विशुनपुरा, डीगही, मेघौली कला, रेंगहिया, किशनपुर, ठूठीबारी, मटरा, धमउर, कमता, करदह, जिगनीअहवा, बोदना आदि गांव के महिला-पुरुष शामिल थे।
कोतवाली क्षेत्र का बोदना गांव बना प्रमुख चर्च घर
ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र का बोदना गांव ईसाई धर्म प्रचार का प्रमुख केंद्र है। इस गांव में बकायदा एक घर में चर्च बनाया गया है। जहां क्षेत्र के दूर दराज गांव से सैकड़ों की संख्या महिलाएं, पुरुष इकट्ठे होकर शुक्रवार, रविवार को प्रार्थना सभा करते हैं। यहीं से सभी को दिशा निर्देश देकर अगली रणनीति बनाई जाती है।
दिशा निर्देश के अनुसार इन दिनों नेपाल के रामपुरवा गांव को केंद्र बनाया गया है। जहां 31अगस्त को दो केरल के महिला-पुरुष व एक बच्चे को संगठन के लोगों के द्वारा भारी हंगामा के बाद पकड़ कर महेशपुर सीमा प्रहरी कार्यालय को सौंपा था। जहां से नेपाली प्रशासन द्वारा कोतवाली पुलिस ठूठीबारी को सौंप दिया गया था।