

नशा किसी भी तरह का हो..कहते हैं यह आत्मा और शरीर को पूरी तरह खोखला कर देता है। नशे का यह मामला जब बचपन से जुड़ा हो तो यह और भी भयावह हो जाता है। महराजगंज से डाइनामाइट न्यूज की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें एक चिंताजनक खबर..
महराजगंज: यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही जो उम्र सुनहरे भविष्य की तलाश पर नजर रखती है, अगर वह नशा तलाशने लगे तो जीवन की बर्बादी को कोई नहीं टाल सकता है। दुर्भाग्य से जिले में भी कुछ ऐसे मामले देखने को मिल रहे है। जिन युवाओं को अच्छे भविष्य और शिक्षा की तलाश में देखा जाना चाहिये, उन्हें सड़क किनारे सुलेशन और गांजा, भांग का नशा करते हुआ देखा जा रहा है, जो काफी चिंताजनक और खौफनाक है।
ऐसा ही एक मामला सदर मुख्यालय से सटे आवास के आसपास देखने के मिला। यौवन की दहलीज पर कदम रख रहे नसे में चूर दो नाबालिगों को जब सुलेशन आदि का नशा करते डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने देखा तो संवाददाता के कदम वहीं ठहर गये (देखें वीडियो-1)। नशे में मदहोश दोनों लड़के आपस में झगड़ते-उलझते देखे गये। जब उनसे पूछा गया तो पता चला वे नशे के आदि हो चुके हैं और नशे के बना नहीं रह सकते हैं।
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अमूमन लोगों द्वारा नशे के लिये शराब, धूम्रपान, पान मसाला आदि के सेवन किया जाता है लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि ये युवा नये तरीके का नशा इस्तेमाल कर रहे है जिसमें गांजा, सुलेशन, नशे की गोलियां, कफ़-सीरप आदि शामिल हैं।
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इन दो नाबालिगों और उनके नशे की लत को लेकर डाइनामाइट न्यूज़ ने व्यसन मुक्त भारत अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता अनिल रॉय से बातचीत की तो उन्होंने इस बारे में न केवल नशे के आदि हो चुके नाबालिगों को सुधारने का आश्वासन दिया बल्कि यह भी बताया कि जिले हीं नहीं, देश को किस तरह नशा मुक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने इसके लिये हर व्यकित से आगे आने की भी अपील की।
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