महराजगंज जिले के वीर जवान पंकज त्रिपाठी कश्मीर के आतंकी हमले में हुए शहीद, मातम, मां का बुरा हाल

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए हैं। इस हमले में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के फरेन्दा कस्बे के हरपुर गांव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान पंकज त्रिपाठी भी शहीद हुए हैं। इस खबर के बाद डाइनामाइट न्यूज़ वीर शहीद के घर पहुंच गया है। गांव में चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है। पूरी खबर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 February 2019, 12:17 PM IST
google-preferred

महराजगंज: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को श्रीनगर लौट रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने फिदायीन हमला किया। इस दिल दहला देने वाले आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे। 

इस हमले में उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के फरेन्दा क्षेत्र के हरपुर गांंव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान पंकज त्रिपाठी भी शहीद हो गये हैं। पुलवामा हमले के बाद से ही पूरे महराजगंज जिले में मातम का माहौल है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। आसपास के गांव के लोग शहीद हुए परिजनों को ढाढ़स बढ़ाने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: कश्मीर आतंकी हमले के बाद यूपी सीएम का बयान आया सामने.. देखिये क्या कहा योगी आदित्यनाथ ने..

पुलवामा में सुरक्षा बलों पर हुए फिदायीन हमले में यूपी के 12 जवान शहीद हुए हैं। देर रात जब उनके घरों में शहादत की खबर पहुंची तो कोहराम मच गया। 

डाइनामाइट न्यूज़ की टीम जैसे ही वीर शहीद के घर पहुंची वहां पर देखा कि शहीद की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के किसी भी घर में चूल्हा तक नही जला है। 

इधर शहीद की पत्नी सदमे में है, उसे सूझ ही नही रहा कि अचानक क्या हो गया। 

यह भी पढ़ें: आतंकी हमले में देश भर में सबसे ज्यादा शहीद जवान उत्तर प्रदेश के, 12 वीर यूपी से वीरगति को प्राप्त

शहीद के पिता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि कल शाम 5 बजे के करीब बेटे के शहीद होने की खबर हमें मिली फिर पूरे घर में कोहराम मच गया।  

हरपुर गांव के रहने वाले पंकज त्रिपाठी ने चार दिन पहले ही ड्यूटी ज्वाइन किया था। इस अमानवीय आतंकी घटना को लेकर काफी आक्रोश व्याप्त है। पाकिस्तान के विरोध में लोगों ने नारेबाजी कर रहे हैं। 

पति की शहादत की खबर सुनते ही पत्नी बदहवास हो गई है। मां के आंसू रोके नहीं रुक रहे। शहीद जवान का एक तीन साल का बेटा प्रतीक है, उसे पता ही नही कि उसका पिता अब इस दुनिया में नही रहा। 

No related posts found.