महराजगंजः RTI के जरिये हुआ बड़ा खुलासा, नप सकते प्रधान समेत कई लोग

डीएन संवाददाता

महराजगंज जनपद के पनियरा विकास खंड में जल जीवन मिशन द्वारा निर्मित पानी की टंकी मामले में जनसूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में बड़ा खुलासा उजागर हुआ है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

आरटीआई के जरिये बड़ा खुलासा
आरटीआई के जरिये बड़ा खुलासा


महराजगंजः पनियरा विकास खंड के ग्राम पंचायत सौरहा में एक के बाद एक नए खुलासे सामने आ रहे हैं। अब ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।

जल निगम के अधिशासी अधिकारी ने आरटीआई के तहत एक महत्वपूर्ण सूचना दी है। इस सूचना में जिस प्रस्तावित जमीन का जिक्र किया गया है, उस पर केवल बोरिंग का कार्य कराया गया है। इसके अलावा पानी की टंकी का निर्माण कार्य आबादी की जमीन पर हो रहा है। मजे की बात तो यह है कि राजस्व टीम भी इसमें कुछ भी बोलने से परहेज करती नजर आ रही है।

आलम यह है कि इस पर एक शिकायतकर्ता द्वारा आवाज उठाने पर उसे धारदार हथियार से मारकर घायल कर दिया। यह पेंच अब काफी उलझता जा रहा है। बावजूद इसके जिले के आला अधिकारी इसमें कोई रूचि क्यों नहीं दिखा रहे, समझ से परे है। 

आरटीआई सूचना 

जानें पूरा मामला 
पनियरा विकास खंड के ग्राम पंचायत सौरहा में जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी का निर्माण कार्य होना था। इसको लेकर जल निगम द्वारा जमीन की डिमांड की गई। ग्राम प्रधान ने गाटा संख्या 523/0.170 हेक्टेयर टंकी का निर्माण कराने का प्रस्ताव भी बिना भूमि संरक्षण अधिकारी को संज्ञान में दिए बनवाकर जमीन एलाट कर दी गई। इसी जमीन पर बोरिंग का कार्य भी शुरू हो गया।

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यहां तक तो ठीक चला किंतु जब पानी की टंकी का निर्माण कार्य आबादी वाली जमीन आराजी संख्या 208 (ग) श्रेणी 6 (2) पर प्रारंभ हुआ तो स्थानीय निवासी महेंद्र यादव पुत्र हरदेव ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। यही नहीं इसने एक आरटीआई भी दाखिल की।

पानी की टंकी का निर्माण कार्य

आरटीआई में अधिशासी अभियंता खंड कार्यालय जल निगम ग्रामीण ने अपने पत्रांक संख्या 866 में 28 मई 2024 को एक सूचना दी। सूचना में आवेदक महेंद्र को बताया गया कि ग्राम सौरहा में पानी की टंकी का निर्माण कार्य नवीन परती की जमीन पर कराया जा रहा है। गाटा संख्या 523/0.170 हेक्टेयर पर टंकी का निर्माण कराने का प्रस्ताव 18 अगस्त 2023 को प्राप्त हुआ है। ग्रामीण पाइप पेयजल योजना पर नलकूप निर्माण कार्य कराया गया है एवं वर्तमान तक पाइप सप्लाई के रूप में 73.83 लाख का भुगतान किया गया है। 
उठ रहे सवाल 
इस प्रकरण में पहला सवाल यह उठता है कि ग्राम प्रधान द्वारा प्रस्ताव बनाते समय भूमि संरक्षण अधिकारी को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई। दूसरा सवाल यह उठता है कि जब 18 अगस्त 2023 को पानी की टंकी के लिए बने प्रस्ताव को जल निगम को सौंप दिया गया तो आखिर दूसरा प्रस्ताव बनाने की जरूरत क्यों पड़ी।

तीसरा प्रश्न यह है कि 6 फरवरी 2024 को बने दूसरे प्रस्ताव के बाद भी जल निगम ने आरटीआई में 28 मई 2024 को यह जानकारी क्यों दी कि गाटा संख्या 523/0.170 पर टंकी निर्माण का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। उक्त बिंदुओं को लेकर कहीं न कहीं घालमेल की बू आना स्वाभाविक है। राजस्व विभाग इसकी जांच से क्यों पल्ला झाड़ रहा है यह समझ से परे है। 

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यह भी गड़बड़झाला 
ग्राम प्रधान द्वारा बनाए गए दो प्रस्तावों में इस बात का स्पष्ट जिक्र किया गया है कि प्रधान, सदस्यों तथा लेखपाल की उपस्थिति में पानी की टंकी निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। मजे की बात तो यह है कि दोनों प्रस्तावों में लेखपाल के कोई हस्ताक्षर क्यों नहीं लिए गए हैं। इस बिंदु की भी राजस्व टीम ने जांच करना मुनासिब नहीं समझा। 

बोले जिम्मेदार लोग
इस संबंध में उपजिलाधिकारी के सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया, किंतु फोन रिसीव नहीं हुआ। लेखपाल अनूप वर्मा ने भी फोन नहीं उठाया। तहसीलदार ने इस संबंध में बताया कि पानी की टंकी निर्माण कार्य के लिए जमीन कम पड़ रही थी इसलिए वहां निर्माण कार्य कराया जा रहा है। शिकायतकर्ता को इससे कोई क्षति नहीं पहुंच रही है।  










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