बड़ी खबर: लखनऊ पुलिस ने आधी रात में आलोक प्रसाद को उठाया, क्या भाजपा विधायक की है साजिश? विधानसभा पर महराजगंज की महिला के आग लगाने का मामला

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जिले से आय़ी एक महिला ने कल लखनऊ विधानसभा के सामने खुद को मिट्टी का तेल डाल आग ली थी। इस मामले में लखनऊ पुलिस ने आधी रात दो बजे यूपी कांग्रेस के अनुसूचित विभाग के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के पुत्र आलोक प्रसाद को हिरासत में ले लिया है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:



लखनऊ: मूल रुप से छत्तीसगढ़ की निवासी अंजली तिवारी की पहली शादी महराजगंज जिले के अखिलेश तिवारी से हुई थी। यह शादी नहीं चल सकी। इसके बाद महिला एक मुस्लिम युवक आशिक रजा के साथ कथित तौर पर संपर्क में आयी।

यह युवक महराजगंज जनपद मुख्यालय के वीर बहादुर नगर मोहल्ले में रहता है। महिला का दावा है कि इसने अपना नाम अंजलि से बदलकर आय़शा कर लिया और इस युवक से शादी कर ली। 

फिलहाल यह युवक सऊदी अरब में नौकरी कर रहा है। महिला इस शादी से भी परेशान बतायी जा रही है। घरेलू परेशानी के चलते उसने पहले अपनी बात स्थानीय स्तर पर अफसरों को बतायी जब निदान नहीं हुआ तो लखनऊ जाकर आत्मदाह करने जैसा आत्मघाती कदम उठा लिया।

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महिला 90 फीसदी जल चुकी है और जीवन व मौत से संघर्ष कर रही है।

 आलोक प्रसाद

इस मामले में नया मोड़ तब आय़ा जब महराजगंज जिले के निवासी और कांग्रेस के दलित-पासी समाज के नेता आलोक प्रसाद को लखनऊ पुलिस ने उनके लखनऊ आवास से कल आधी रात दो बजे गिरफ्तार कर लिया। आरोप लगाया जा रहा है कि आलोक ने महिला को आत्मदाह के लिए उकसाया है। 

इधर महराजगंज कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अवनीश पाल ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कहा है कि इस मामले में जबरदस्ती आलोक को फर्जी तौर पर फंसाया जा रहा है। पाल ने कहा कि हकीकत यह है कि इस महिला को मोहल्ले के ही निवासी भाजपा विधायक ने दो समुदायों में झगड़े के लिए उकसाया है और आत्मदाह के लिए मजबूर किया है लेकिन अब व्यक्तिगत राजनीतिक लड़ाई में आलोक को विधायक फंसा रहे हैं। इसके खिलाफ कांग्रेस सड़कों पर उतरने जा रही है।

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सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिला का कथित दूसरा पति, कांग्रेस नेता आलोक प्रसाद और भाजपा का विधायक तीनों महराजगंज कस्बे में एक ही पास रहते हैं। आलोक प्रसाद भाजपा के इस विधायक के खिलाफ 2017 का विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस जिलाध्यक्ष के द्वारा कही गयी राजनीतिक जलन में फंसाये जाने की बात की निष्पक्ष जांच बेहद आवश्यक है। कहीं वाकई ऐसा तो नहीं कि महिला के आत्मदाह की आड़ में 2017 के चुनावी रंजिश का बदला निकाला जा रहा है?

इधर यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्विट कर इस मामले में यूपी सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया है। कांग्रेस का कहना है कि कल आलोक गोंडा में एसिड अटैक से पीड़ित परिवार से मिलने गये थे, उसी से योगी सरकार खुन्नस खाये है और अपने विरोधियों को कुचलना चाहती है।










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