

सूबे में स्थानीय निकाय चुनावों (नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत) का बिगुल बज गया है। राज्य में कुल तीन चरणों मे चुनाव होंगे। पहले चरण के लिये 22 नवम्बर को मतदान होगा। 1 दिसम्बर की शाम को चुनाव को परिणाम घोषित किये जायेंगे।
सूबे में स्थानीय निकाय चुनावों (नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत) का बिगुल बज गया है। राज्य में कुल तीन चरणों मे चुनाव होंगे। पहले चरण के लिये 22 नवम्बर को मतदान होगा। 1 दिसम्बर की शाम को चुनाव को परिणाम घोषित किये जायेंगे।
लखनऊ: सूबे में स्थानीय निकाय चुनावों (नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत) का बिगुल बज गया है। राज्य में कुल तीन चरणों मे चुनाव होंगे। पहले चरण के लिये 22 नवम्बर को मतदान होगा। दूसरे और तीसरे चरण के मतदान 26 और 29 नवंबर को होंगे।1 दिसम्बर की शाम को चुनाव परिणाम घोषित किये जायेंगे।
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राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गयी है। राज्य में कुल 32 दिनों मे पूरी चुनावी प्रक्रिया हो जायेगी। चुनावों की घोषणा करते हुए आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राज्य में पुलिस, गृह विभाग, राजस्व समेत कई महत्वपूर्ण महकमों में तबादलों पर भी रोक लग गयी है।
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निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव बड़ी प्राथमिकता
प्रेस कांफ्रेंस में राज्य निर्वाचन आयुक्त एस के अग्रवाल ने कहा कि निकाय चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराना आयोग की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए कई कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। जिन जिलों में मतदान होगा, वहां मतदान के 48 घंटे पहले सीमाएं सील कर दी जाएंगी। साथ ही शराब बिक्री पर प्रतिबंध होगा।
उम्मीदवारों के लिये चुनावी खर्च सीमा तय
निकाय चुनाव में जिन नगर निगमों मे 80 वार्ड से अधिक हैं, वहां के महापौर पद के उम्मीदवार 25 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे। 80 वार्ड से कम नगर निगमों के महापौर पद के प्रत्याशी 20 लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे। नगर निगम के पार्षद पद के प्रत्याशी 2 लाख रुपए, नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष 8 लाख रूपए जबकि नगर पालिका सदस्य और नगर पंचायत अध्यक्ष डेढ़ लाख रुपए तक खर्च कर सकेंगे। इससे अधिक खर्च करने पर चुनाव आयोग कड़ी कार्यवाही करेगा। निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि उम्मीदवारों के चुनावी खर्च का ब्यौरा जिला स्तरीय कमेटी करेगी। जिसमें सीडीओ सहित मुख्य कोषाधिकारी सदस्य होंगे।
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इसके अलावा राज्य में सभी तरह के ट्रांसफर, प्रमोशन, नियुक्ति पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। डीएम और एसपी जिला नहीं छोड़ सकेंगे। कोई भी राजनीतिक पार्टी लोक-लुभावन घोषणाएं नहीं करेंगी।
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