Kisan Mahapanchayat: लखनऊ पहुंचे कई राज्यों से बड़ी संख्या में किसान, MSP गारंटी समेत इन चीजों के लिए उठेगी मांग

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीनों कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बावजूद लखनऊ में आज किसानों की महापंचायत हो रही है। इस महापंचायत में एमएसपी की गारंटी सहित कई चीजों को लेकर मांग उठ सकती है। पढ़ें पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

लखनऊ में किसान महापंचायत में जुटे हजारों किसान
लखनऊ में किसान महापंचायत में जुटे हजारों किसान


लखनऊः संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लखनऊ में आज आयोजित 'किसान महापंचायत' के लिए किसान धरना स्थल पर पहुंचे हैं। यहां भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं।

किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित किया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त किया जाए। MSP पर क़ानून बनाओ। 750 किसानों की मृत्यु हुई, उनका ध्यान रखा जाए। दूध के लिए भी एक नीति आ रही है उसके भी हम ख़िलाफ़ है, बीज क़ानून भी है। इन सब पर बातचीत करना चाहते हैं।

इसके बाद 26 नवंबर को गाजीपुर बार्डर पर किसानों की बैठक होगी। केंद्र द्वारा तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाला कानून और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी'  की गिरफ्तारी नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

ये हैं किसानों की मांग

- MSP पर कानून बनाया जाए, ताकि हर किसान को अपनी फसल पर कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी मिल सके।

- विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक 2020-21 के ड्राफ्ट को वापस लिया जाए। (बातचीत के दौरान सरकार ने इस बिल के ड्राफ्ट को वापस लेने का वादा किया था।)

- "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021" में किसानों को सजा देने के प्रावधान हटाए जाएं।

- दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, यूपी और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को इस आंदोलन के दौरान (जून 2020 से अब तक) सैकड़ों मुकदमों में फंसाया गया है। इन केसों को वापस लिया जाए।

- लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और सेक्शन 120B के अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए। 

- आंदोलन के दौरान अब तक लगभग 700 किसान शहीद हो चुके हैं। उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। शहीद किसानों की स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर जमीन की व्‍यवस्‍था की जाए। 
 










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