केरल मुख्यमंत्री कांग्रेस पर लगायाआरोप, जानिए क्या कहा

डीएन ब्यूरो

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने राज्य विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उस पर ‘‘नरम हिंदुत्व’’ का रुख अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि वह नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता को कायम रखने में नाकाम रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन
केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन


तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने राज्य विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उस पर ‘‘नरम हिंदुत्व’’ का रुख अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि वह नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता को कायम रखने में नाकाम रही है।

राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में विजयन ने विपक्षी दल की आलोचना करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान असम में एक मंदिर के दर्शन किए और कर्नाटक तथा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकारों ने विशेष समारोह आयोजित किए। उन्होंने पूछा, ‘‘कांग्रेस इससे क्या संदेश देने की कोशिश कर रही है? क्या उग्र सांप्रदायिकता का मुकाबला नरम सांप्रदायिकता से करना संभव है?’’

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार विजयन ने आरोप लगाया कि इन कदमों से साफ है कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांप्रदायिक एजेंडे का मुकाबला करने के बजाय ‘‘नरम हिंदुत्व’’ अपना रही है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता का पालन करने में सक्षम नहीं है। वह नरम हिंदुत्व की नीति अपना रही है।’’

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा मंदिरों में विशेष पूजा करने का निर्देश देने और हिमाचल प्रदेश सरकार के 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का उदाहरण दिया।

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विजयन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष, लेकिन तीखा प्रहार करते हुए कहा कि धार्मिक आयोजनों में प्रशासकों का पुजारी के तौर पर अनुष्ठान करने का कदम किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश की नींव हिला देगा।

उन्होंने अयोध्या में निर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मोदी के ‘यजमान’ के तौर पर अनुष्ठान करने के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि शासक देश में विभिन्न जातियों और धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

यह उल्लेख करते हुए कि धार्मिक आस्था और ईश्वर की पूजा किसी भी धर्म के व्यक्ति के अधिकारों में से एक हैं, विजयन ने कहा कि किसी को भी इस अधिकार को नुकसान पहुंचाने का अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि हालांकि, संघ परिवार की ताकतें चुनावों के दौरान ईश्वर का सहारा लेकर और संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक भावनाओं को नुकसान पहुंचाकर एक बार फिर सत्ता में आने का प्रयास कर रही हैं।










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